बोरे भर-भरकर सोना खरीद रहा चीन, लेकिन भारत ने लगा दिया ‘ब्रेक’, क्या है चक्कर

नई दिल्ली: सोने की कीमत पहली बार 4,000 डॉलर प्रति औंस के पार पहुंच चुकी है। इस साल सोने की कीमत 40 बार से ज्यादा ऑल टाइम हाई पर पहुंची है। गोल्डमैन सैश का कहना है कि अगले साल दिसंबर तक सोने की कीमत 4,900 डॉलर प्रति औंस तक पहुंच सकती है। कीमत में तेजी के बावजूद दुनिया के कई देशों के बैंक जमकर सोने की खरीदारी कर रहे हैं। अगस्त में उन्होंने कुल मिलाकर 15 टन सोना खरीदा। चीन ने लगातार 11वें महीने सोने की खरीद की है जबकि आरबीआई ने लगातार दूसरे महीने सोना नहीं खरीदा।

वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल (WGC) के आंकड़ों के मुताबिक अगस्त में दुनिया भर के केंद्रीय बैंकों ने कुल मिलाकर 15 टन सोना खरीदा। यूक्रेन युद्ध के बाद से ही कई देशों के केंद्रीय बैंक अपने पोर्टफोलियो में सोने की मात्रा बढ़ा रहे हैं। अगस्त में उन्होंने फिर से सोना खरीदना शुरू कर दिया है। अगस्त में कजाकिस्तान के नेशनल बैंक ने सबसे ज्यादा 8 टन सोना खरीदा। लेकिन भारत के रिजर्व बैंक (RBI) ने लगातार दूसरे महीने सोना नहीं खरीदा।

आरबीआई के पास कितना सोना?

आरबीआई ने 2025 के पहले आठ महीनों में से केवल तीन बार ही सोना खरीदा जबकि 2024 में उसने वे लगभग हर महीने सोना खरीद रहे थे। WGC ने बताया कि आरबीआई ने जनवरी से अगस्त 2025 के बीच केवल 3.8 टन सोना खरीदा जबकि पिछले साल इसी अवधि में उसने 45.4 टन सोना खरीदा था। 29 अगस्त तक, RBI के पास कुल 879.98 टन सोना था। नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक 26 सितंबर तक आरबीआई के विदेशी मुद्रा भंडार में सोने की हिस्सेदारी 13.6% थी। एक साल पहले यह आंकड़ा 9.3% था जब देश का विदेशी मुद्रा भंडार रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया था

क्यों बढ़ रही है कीमत?

WGC ने संभावना जताई है कि सोने की कीमत में हाल में आई तेजी केंद्रीय बैंकों की खरीद को सीमित कर रही है। कुछ देश सोने में आई तेजी का फायदा उठाने के लिए इसकी बिक्री भी की है। WGC ने कहा कि खरीद में हालिया कमी का मतलब यह नहीं है कि केंद्रीय बैंक सोने में रुचि खो रहे हैं। जानकारों का कहना है कि फेडरल रिजर्व की ब्याज दरों में कटौती की उम्मीदें बढ़ रही हैं। ऐसे में सोने की मांग स्वाभाविक रूप से बढ़ेगी।उनका कहना है कि दुनिया भर में अनिश्चितता कम नहीं हुई है, जो सोने की कीमत को सपोर्ट करती है। साथ ही यह भी याद रखा जाना चाहिए कि सोने का खनन सीमित है जबकि मांग स्थिर बनी हुई है। इसलिए, सोने की कीमत में और बढ़ोतरी से केंद्रीय बैंकों को फायदा होगा। अगस्त में चीन के सेंट्रल बैंक ने दो टन सोना खरीदा जिससे उसकी गोल्ड होल्डिंग पहली बार 2,300 टन के पार पहुंच गई है।

चीन वर्सेज भारत

गोल्ड रिजर्व के मामले में अमेरिका के आसपास कोई नहीं है। उसके पास 8,133 टन सोना है। जर्मनी के पास 3,350 टन सोना है। इसके बाद इटली (2452 टन), फ्रांस (2437 टन) और रूस (2330 टन) का नंबर है। चीन 2,301 टन गोल्ड के साथ छठे नंबर पर है। उसके बाद स्विट्जरलैंड (1040 टन) और फिर भारत का नंबर है। जापान के पास 846 टन और तुर्की के पास 837 टन सोना है। तुर्की के सेंट्रल बैंक ने अगस्त में 2 टन सोना खरीदा।

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