अफगान सरकार को गिराना चाहती है पाकिस्तानी सेना? तालिबान का ISIS आतंकियों और NRF के मुनीर से गठबंधन पर बड़ा खुलासा

काबुल: अफगानिस्तान और पाकिस्तान के बीच तनाव चरम पर है। दोनों देशों के बॉर्डर पर शनिवार रात को भीषण सैन्य संघर्ष देखने को मिला है। गोलीबारी में पाकिस्तान की सेना के 58 जवान मारे जाने की जानकारी तालिबान ने दी है। बॉर्डर पर तनातनी के बीच अफगानिस्तान की तालिबान सरकार की ओर से कई गंभीर सवाल उठाए गए हैं। तालिबान के प्रवक्ता जबीहुल्लाह मुजाहिद ने पाकिस्तान की सेना पर अफगानिस्तान में तालिबान सरकार को कमजोर करने के लिए साजिश रचने का आरोप लगाया है। मुजाहिद ने पाक सेना की ओर से तालिबान के कट्टर विरोधी ISIS और NRF को मदद मिलने का दावा किया है।
मुजाहिद ने रविवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में दावा किया कि पाकिस्तान में कुछ खास तबके अफगानिस्तान की स्थिरता नहीं देख पा रहे है। ऐसे में पाक सेना के ये तत्व साजिशों का सहारा ले रहे हैं। मुजाहिद ने इस दौरान पाकिस्तानी सरकार और सेना से कहा कि वह अफगानिस्तान के प्रति अपनी नीतियों पर पुनर्विचार करें। अगर इस्लामाबाद की ओर से काबुल में हस्तक्षेप जारी रहेगा को इससे द्विपक्षीय संबंधों को भारी नुकसान होगा।
ISIS को पाकिस्तान की मदद
मुजाहिद ने आरोप लगाया कि पाकिस्तान के अंदर इस्लामिक स्टेट (ISIS) के सुरक्षित ठिकाने हैं और इसकी जानकारी क्षेत्रीय देशों को है। मुजाहिद ने साफ कहा कि ISIS अफगानिस्तान में शियाओं, सूफियों और हिंदुओं पर हमलों के लिए जिम्मेदार है। यह सीधे-सीधे तालिबान सत्ता को कमजोर करने और अफगानिस्तान को अस्थिरता में धकेलने की कोशिश है।
NRF को भी मदद
अफगान तालिबान ने लगातार ये कहा है कि उसके विरोधी ISIS को पाकिस्तान बढ़ावा दे रहा हैं। वहीं अफगानिस्तान के नेशनल रेजिस्टेंस फ्रंट के नेताओं के साथ भी पाक सेना के अफसरों की बैठकों की बात सामने आई है। इस्लामाबाद में इस गुट की बैठक कुछ समय पहले हुई थी। तालिबान के विरोधी इस समूह की स्थापना अहमद मसूद ने की थी। माना जाता है कि यह गुट तालिबान को सत्ता से हटाने के लिए काम कर रहा है।