कोल्ड्रिफ सीरप बनाने वाली कंपनी के मालिक जी. रंगनाथन को लेकर आज चेन्नई पहुंच सकती है एसआईटी

भोपाल। विषाक्त कफ सीरप ‘कोल्ड्रिफ’ बनाने वाली कंपनी श्रीसन फार्मास्युटिकल के मालिक जी. रंगनाथन से दो दिन की पूछताछ में मध्य प्रदेश एसआईटी कुछ खास नहीं निकलवा सकी। वह बार-बार यही दोहरा रहा है कि मेरी तरफ से कोई गलती नहीं हुई है। एसआईटी अब उसे लेकर तमिलनाडु जा रही है। सोमवार शाम तक एसआईटी रंगनाथन को लेकर चेन्नई पहुंच सकती है
एसआईटी के साथ औषधि निरीक्षकों की टीम भी जा रही है, जहां प्लांट का भी निरीक्षण किया जाएगा। जांच टीम पहली बार कंपनी के कांचीपुरम स्थित प्लांट पर जाएगी जहां कोल्ड्रिफ का निर्माण हो रहा था। तीन अक्टूबर को तमिलनाड़ु औषधि प्रशासन विभाग ने कंपनी सील कर दी थी। अब एफआईआर में लगे आरोपों के आधार पर एसआईटी साक्ष्य एकत्र करेगी।
उत्पादन और गुणवत्ता नियंत्रण का काम देख रहे कंपनी के अधिकारी-कर्मचारियों को रंगनाथन के साथ बैठाकर पूछताछ की जाएगी। एसआईटी के निशाने पर कंपनी के उक्त दोनों विभागों के अधिकारी-कर्मचारी भी हैं। इन्हें भी आरोपित बनाया जा सकता है। बता दें कि छिंदवाड़ा पुलिस ने कोर्ट से 20 अक्टूबर तक के लिए रंगनाथन को पूछताछ के लिए रिमांड पर लिया है।
विभाग ने समय रहते नहीं दिया था ध्यान
कांचीपुरम स्थित श्रीसन फार्मास्युटिकल की अनियमितताओं पर तमिलनाडु के औषधि प्रशासन विभाग ने समय रहते ध्यान नहीं दिया। 39 गंभीर अनियमितताओं के बाद भी कंपनी चलती रही। एसआईटी के साथ गई औषधि निरीक्षकों ने वहां के औषधि प्रशासन विभाग से कंपनी में उनके द्वारा दो और तीन अक्टूबर को उत्पादन इकाई में की गई जांच की रिपोर्ट ली है।
इसमें यह भी देखा जा रहा है कि औषधि प्रशासन विभाग ने क्या-क्या लापरवाही की। एसआइटी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि परीक्षण के बाद वहां के औषधि प्रशासन विभाग के अधिकारियों को भी आरोपित बनाया जा सकता है।
कोल्ड्रिफ के दो बैच में डीईजी की मात्रा मानक स्तर पर
कोल्ड्रिफ कफ सीरप के एसआर-13 बैच को छोड़कर अन्य दो बैच के सीरप मानक पाए गए हैं। यानी उनमें डायथिलीन ग्लायकाल (डीईजी) की मात्रा मानक स्तर की मिली है। इनके सैंपल छिंदवाड़ा से ही लिए गए थे। कोल्ड्रिफ पर प्रतिबंध के बाद से एक सप्ताह में प्रदेश भर से लगभग 300 सैंपल जांच के लिए राज्य औषधि लैब में भेजे गए हैं।