सीएम बोले- यूनिवर्सिटी बनाएं 5 साल का रोडमैप:बैठक में कहा- रोजगार देने वाले कोर्सेस को शुरू करें

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि प्रदेश के सभी विश्वविद्यालयों में रिक्त पदों पर भर्तियों और नियुक्तियों की प्रक्रिया को तेज गति से पूरा किया जाए। सभी विश्वविद्यालय समय-सीमा में नियुक्तियां पूरी करें और अपने संस्थान का अगले 5 साल का रोडमैप भी तैयार करें।

मुख्यमंत्री मंत्रालय में हुई उच्च शिक्षा विभाग की बैठक में बोल रहे थे। बैठक में प्रदेश के सभी विश्वविद्यालयों के कुलपति, वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी और शिक्षा विभाग के प्रमुख अधिकारी मौजूद रहे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि अब समय आ गया है कि विश्वविद्यालयों को आईआईटी और आईआईएम जैसे राष्ट्रीय स्तर के संस्थानों की तर्ज पर विकसित किया जाए। इसके साथ ही विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में ऐसे कोर्सेस शुरू किए जाएं, जो सीधे रोजगार से जुड़ते हों, जैसे- कृषि, विमानन, डेयरी, पर्यटन, खनन और पशुपालन आदि।

आयुर्वेद विश्वविद्यालय बनाने का प्रस्ताव

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने यह भी कहा कि महर्षि पाणिनी संस्कृत एवं वैदिक विश्वविद्यालय, उज्जैन में आयुर्वेद शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए इस विश्वविद्यालय को आयुर्वेदिक विश्वविद्यालय बनाए जाने पर विचार किया जा रहा है। ऐसा होने पर प्रदेश के 50 से ज्यादा आयुर्वेदिक कॉलेज इससे जुड़ सकेंगे।

नए कोर्स और प्लेसमेंट की होगी रिपोर्टिंग

मुख्यमंत्री ने सभी विश्वविद्यालयों से कहा कि वे यह बताएं कि अब तक कितने रोजगारपरक कोर्स शुरू किए गए हैं, उनमें कितने विद्यार्थियों ने प्रवेश लिया है और विश्वविद्यालयों ने कितने विद्यार्थियों को प्लेसमेंट या रोजगार दिलवाया है।

उन्होंने यह भी निर्देश दिए कि विश्वविद्यालय अपने क्षेत्र के उद्योगों की जरूरतों को समझें और उन्हीं के अनुसार नए कोर्सेस तैयार करें ताकि विद्यार्थियों को स्थानीय स्तर पर ही शिक्षा और रोजगार दोनों मिल सके।

झाबुआ में मेडिकल कॉलेज और नए शोध केंद्र

बैठक में बताया गया कि झाबुआ में मेडिकल कॉलेज की स्थापना के लिए 70 एकड़ जमीन पहले ही स्वास्थ्य विभाग को दी जा चुकी है।देवी अहिल्या विश्वविद्यालय इंदौर ने झाबुआ जिला अस्पताल को टीचिंग हॉस्पिटल बनाने का प्रस्ताव भी भेजा है।

इसके अलावा, अभी प्रदेश में 384 शोध केंद्र संचालित हैं और अब 100 नए शोध केंद्र खोले जाएंगे। साथ ही, सभी कॉलेजों में भारतीय ज्ञान परंपरा प्रकोष्ठ बनाए जा चुके हैं।

डिजिटल मूल्यांकन और इन्फ्रास्ट्रक्चर पर जोर

अपर मुख्य सचिव उच्च शिक्षा अनुपम राजन ने बताया कि इस साल से डिजिटल उत्तरपुस्तिका मूल्यांकन की प्रक्रिया शुरू की जा रही है।प्रधानमंत्री उषा योजना के तहत 3 विश्वविद्यालयों में 326 करोड़ की लागत से 38 निर्माण कार्य चल रहे हैं, जिनमें कन्या छात्रावास, प्रयोगशालाएं, कृषि भवन और ऑडिटोरियम शामिल हैं।

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