एआर रहमान ने 3 साल पढ़ी कुरान, सीखी हिंदू और उर्दू, बताया- तमिल गानों के ट्रांसलेशन पर मिलते थे भद्दे कमेंट्स

ऑस्कर विनर सिंगर एआर रहमान पूरी दुनिया में मशहूर हैं। उनकी आवाज, उनके गानों का हर कोई कायल है। उन्होंने ‘स्लमडॉग मिलियनेयर’ से लेकर ‘रोजा’, राम गोपाल वर्मा की ‘रंगीला’, सुभाष घई की ‘ताल’ जैसी फिल्मों में सुरों के तार छेड़कर सबको अपना दीवाना बना लिया था। हालांकि एक लेटेस्ट इवेंट में उन्होंने तमिल गानों के हिंदी ट्रांसलेशन पर शर्मिंदगी महसूस करने की बात कही है।
एआर रहमान ने एक इवेंट में होस्ट श्रुति हासन को बताया, ‘मुझे अच्छा लगता है कि हर भाषा का अपना अलग चार्म होता है। जब मेरी फिल्में जैसे दिल से और रोजा ने अच्छा परफॉर्म किया तो लोगों ने तमिल गानों को हिंदी में ट्रांसलेट करना शुरू कर दिया। और ये मेरे लिए बहुत इन्सल्टिंग था। लोगों ने मुझे भद्दे कमेट्स किए कि हिंदी लिरिक्स तो बेकार हैं। तमिल ही अच्छा है। वही सुनना चाहिए।’
एआर रहमान ने डब फिल्में छोड़ीं
सिंगर ने आगे कहा दिक्कत इसलिए भी पैदा हुई क्योंकि उस वक्त बॉक्स ऑफिस पर तीन भाषाओं में बनी फिल्में हिट हुई थीं, ‘लोगों को पैसा नजर आता था। और फिर मैंने डब फिल्मों के बजाय हिंदी फिल्मों पर फोकस करना शुरू कर दिया था।’ सिंगर ने आगे बताया कि उन्हें अलग-अलग भाषाओं को समझने में लगभग 10 साल लग गए।
एआर रहमान ने तीन साल उर्दू सीखी
एआर रहमान ने बताया कि उन्हें अपने गानों की आत्मा को बचाने के लिए ये समझने में दशकों लग गए कि दूसरी भाषाओं को सीखना का क्या महत्व है। , ‘मैंने हमारी पवित्र किताब, कुरान से थोड़ी अरबी भी सीखी। 1994 से 1997 के बीच, मैंने कुरान शरीफ को पढ़ने और उसका अध्ययन करने में समय दिया।’ इसके बाद उन्होंने हिंदी सीखी क्योंकि जब सुभाष घई से मिले तो उन्होंने कहा था कि वह हिंदी सीखे बिना टिक नहीं पाएंगे। इसलिए उन्होंने हिंदी और उर्दू भी सीखी। उनका कहना है कि अब उनको पंजाबी भी बहुत पसंद है।