ITR में फर्जीवाड़े की तगड़ी जांच कर रही सरकार! गिर गया इनकम टैक्स रिफंड

नई दिल्ली: इस साल अब तक इनकम टैक्स रिफंड में 16% की कमी आई है। ऐसा इसलिए हुआ है क्योंकि धोखाधड़ी रोकने के लिए एक खास रकम से ज्यादा के रिफंड पर ज्यादा जांच की जा रही है। रिफंड में कमी आने का मतलब है कि नेट डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन इस साल अब तक 6.3% बढ़कर लगभग 11.9 लाख करोड़ रुपये रहा। सरकार टैक्स चोरी और गलत रिफंड दावों पर नकेल कस रही है। मतलब अगर आप ज्यादा रिफंड का दावा कर रहे हैं, तो आपको थोड़ी ज्यादा जांच प्रक्रिया से गुजरना पड़ सकता है।
सोमवार को सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्सेज (CBDT) के ताजा आंकड़े बताते हैं कि अप्रैल से 12 अक्टूबर तक डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन में 2.4% की बढ़ोतरी हुई है। यह बढ़त 13.9 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गई है। इसमें पर्सनल इनकम टैक्स में आई कमी का असर भी दिखा है। इस दौरान सरकारी आंकड़ों के मुताबिक रिफंड पिछले साल के 2.4 लाख करोड़ रुपये से घटकर 2 लाख करोड़ रुपये से थोड़ा ज्यादा रह गया है। वहीं नॉन-कॉर्पोरेट टैक्स रिफंड लगभग आधे होकर 1.2 लाख करोड़ रुपये से 62,359 करोड़ रुपये पर आ गए हैं।
रिफंड की सीमा
एक अधिकारी ने बताया कि सेंटर फॉर प्रोसेसिंग ऑफ सेंट्रलाइज्ड पेमेंट्स में गलत रिफंड दावों को रोकने के लिए ऑटोमेटेड जांच और अतिरिक्त जोखिम-मूल्यांकन चेक लगाए गए हैं। इससे कभी-कभी सटीकता सुनिश्चित करने में ज्यादा समय लगता है। जिन आईटीआर में एक खास रकम से ज्यादा रिफंड मांगा गया है, उनकी अतिरिक्त जांच हो रही है। उन्होंने बताया कि यह खास रकम टैक्सपेयर्स की कैटेगरी के हिसाब से अलग-अलग है।