UN महासभा में बोले BJP सांसद- पाकिस्तान उपदेश न दे:पहले आईने में चेहरा देखे, महिलाओं-बच्चों को निशाना बनाना बंद करे

भाजपा नेता और लोकसभा सांसद निशिकांत दुबे ने सोमवार को संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तान की आलोचना की। उन्होंने ऑपरेशन सिंदूर में उसकी हार का हवाला दिया। पाकिस्तान पर बच्चों और आतंकवाद पर संयुक्त राष्ट्र के एजेंडे (सीएएसी) के गंभीर उल्लंघन का आरोप लगाया। संयुक्त राष्ट्र महासभा (यूएनजीए) में बाल अधिकारों के संवर्धन और संरक्षण के एजेंडे पर एक सेशन को संबोधित कर रहे थे।

निशिकांत ने कहा, "पाकिस्तान को खुद को आईने में देखना चाहिए, इस मंच पर उपदेश देना बंद करना चाहिए, अपनी सीमाओं के भीतर बच्चों की सुरक्षा के लिए कदम उठाना चाहिए और अपनी सीमाओं के पार महिलाओं और बच्चों को निशाना बनाना बंद करना चाहिए।"

भारत में चल रही चाइल्ड हेल्पलाइन का जिक्र किया

निशिकांत ने कहा, "बच्चों की सुरक्षा और विकास के लिए बेहतर वातावरण बनाना राष्ट्रीय महत्व का विषय है। भारत के प्रयासों की सराहना करने के लिए हम विशेष प्रतिवेदक का धन्यवाद करते हैं। उन्होंने भारत में चल रही चाइल्ड हेल्पलाइन 1098 जैसी पहलों का उल्लेख किया। यह हेल्पलाइन खतरे में पड़े बच्चों को इमरजेंसी सर्विस प्रोवाइड करती है। हमारी उज्ज्वला योजना तस्करी और यौन शोषण से बच्चों के बचाव और पुनर्वास पर केंद्रित है।"

दुबे ने कहा, "दूसरी ओर, पाकिस्तान में बिल्कुल उलटा है। वह एक ऐसा देश है जो सीएएसी एजेंडे के सबसे गंभीर उल्लंघनकर्ताओं में से एक है। यह बात सीएएसी और चल रहे सीमा पार आतंकवाद पर महासचिव की 2025 की रिपोर्ट से स्पष्ट है। बच्चों के खिलाफ गंभीर दुर्व्यवहारों से दुनिया का ध्यान हटाने के पाकिस्तान के प्रयास की कड़ी निंदा करते हैं।"

ऑपरेशन सिंदूर आतंकवाद पर भारत का नपा-तुला रिएक्शन था

दुबे ने ऑपरेशन सिंदूर का भी जिक्र किया और इसे 25 अप्रैल के पहलगाम आतंकी हमले की नपी-तुली प्रतिक्रिया बताया। उन्होंने कहा, "अगर ऑपरेशन सिंदूर की बात करें तो अंतरराष्ट्रीय समुदाय पाकिस्तान में ट्रेनिंग हासिल करने वाले आतंकवादियों की क्रूर और टारगेट किलिंग को नहीं भूला है। जिसमें 22 अप्रैल 2025 को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 26 निर्दोष नागरिकों की जान चली गई थी।"

आतंकियों के नागरिकों को निशाना बनाए जाने के बावजूद भारत की प्रतिक्रिया संयमित रही। उन्होंने कहा, "भारत ने मई 2025 में ऑपरेशन सिंदूर के तहत नौ आतंकवादी ठिकानों पर सर्जिकल स्ट्राइक की। आतंकवाद से अपने लोगों की रक्षा करने, आतंक फैलाने वालों और अपराधियों को कटघरे में लाने के अधिकार का इस्तेमाल किया। जबकि पाकिस्तान ने जानबूझकर हमारे गांवों को निशाना बनाया, जिसमें बच्चों समेत कई नागरिक मारे गए।"

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