रबी सीजन में 20 हजार मेगावाट होगी बिजली की डिमांड

प्रदेश में आगामी रबी सीजन के दौरान बिजली की डिमांड 20 हजार मेगावाट से अधिक पहुंचने की संभावना है। इसको देखते हुए ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने बिजली कंपनियों को किसानों की मांग के अनुसार पर्याप्त और निर्बाध बिजली आपूर्ति करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि किसी भी क्षेत्र में बिजली की कमी या बाधा नहीं आनी चाहिए।
ऊर्जा मंत्री ने जबलपुर में बिजली कंपनियों की समीक्षा बैठक के दौरान अधिकारियों को निर्देश दिए कि सप्लाई के दौरान खराब होने वाले पावर ट्रांसफार्मरों को तुरंत बदला जाए, साथ ही ट्रांसमिशन लाइनों की ट्रिपिंग पर नियंत्रण रखा जाए। बैठक में अधिकारियों ने जानकारी दी कि पावर ट्रांसमिशन कंपनी द्वारा 50 से 500 एमवीए तक के अतिरिक्त ट्रांसफार्मरों की व्यवस्था पहले से ही की गई है।
बैकअप ट्रांसफार्मर रखने के निर्देश
मंत्री तोमर ने कहा कि रबी सीजन के पूर्व ट्रांसफार्मरों की क्षमता वृद्धि और अतिरिक्त ट्रांसफार्मर स्थापना का काम समय-सीमा में पूरा किया जाए। फेल होने वाले ट्रांसफार्मरों को तुरंत बदलने के लिए क्षेत्रीय स्टोर्स में पर्याप्त भंडारण और बैकअप ट्रांसफार्मर उपलब्ध रहें।
उन्होंने बताया कि पावर जनरेटिंग कंपनी के ताप विद्युत गृहों का प्रदर्शन वित्तीय वर्ष 2025-26 में उत्कृष्ट रहा है और यही स्तर आगामी रबी सीजन में भी बनाए रखना होगा। अनुमान है कि इस दौरान प्रदेश की विद्युत मांग लगभग 20,200 मेगावाट तक पहुंचेगी। इस स्थिति में ताप विद्युत गृहों की भूमिका अहम होगी।
कोयले का भंडारण और प्रबंधन करें
ऊर्जा मंत्री ने स्पष्ट किया कि विद्युत गृहों में कोयले का पर्याप्त भंडारण और उसका प्रबंधन किया जाए। इसकी नियमित समीक्षा होती रहे। उन्होंने कहा कि सारणी और चचाई में स्थापित की जा रही 660 मेगावाट की नई विद्युत इकाइयों के निर्माण में गुणवत्ता सर्वोपरि रहे।
तोमर ने यह भी निर्देश दिए कि इन नई इकाइयों से उत्पादित बिजली की निकासी के लिए ट्रांसमिशन नेटवर्क की तैयारी समय से पहले पूरी की जाए। उन्होंने बताया कि नई विद्युत इकाइयों की स्थापना का कार्य मार्च 2026 तक प्रारंभ कर दिया जाएगा।
मुख्य बिंदु:
- रबी सीजन में बिजली की डिमांड 20,200 मेगावाट तक पहुंचने की संभावना।
- ट्रांसफार्मर क्षमता वृद्धि और अतिरिक्त इकाइयों की स्थापना जल्द पूरी करने के निर्देश।
- ताप विद्युत गृहों से पर्याप्त उत्पादन सुनिश्चित करने पर जोर।
- सारणी और चचाई में 660 मेगावाट की नई इकाइयों का निर्माण मार्च 2026 तक प्रारंभ होगा।
- निर्बाध बिजली आपूर्ति के लिए ट्रांसमिशन नेटवर्क को दुरुस्त रखने के निर्देश।