मोहम्मद यूनुस ने फिर दिखाया अपना ‘असली चेहरा’, पाकिस्तानी जनरल को सौंपे नक्शे में भारत के पूर्वोत्तर को बांग्लादेश में दिखाया

ढाका: बांग्लादेश के दौरे पर पहुंचे पाकिस्तानी आर्मी के सीनियर अफसर जनरल साहिर शमशाद मिर्जा की यात्रा विवादों से घिर गई है। ढाका में बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के प्रमुख मोहम्मद यूनुस से उनकी शनिवार देर रात मुलाकात हुई। इस मुलाकात के दौरान यूनुस की ओर से एक नक्शा जनरल मिर्जा को भेंट किया गया। इस नक्शे में भारत के पूर्वोत्तर राज्यों को बांग्लादेश में दिखाया गया है। इसके सामने आने के बाद भारत की अपने इस क्षेत्र में विदेशी दखल को लेकर फिर बढ़ी है। भारत में सोशल मीडिया पर भी इसका विरोध देखा जा रहा है। हालांकि भारत के विदेश मंत्रालय ने अभी तक इस विवाद पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं दी है।
यूनुस ने रविवार को पाकिस्तानी जनरल मिर्जा के साथ अपनी मुलाकात की तस्वीरें सोशल मीडिया पर शेयर कीं। इसमें देखा जा सकता है कि यूनुस ‘आर्ट ऑफ ट्रायम्फ’ नाम की किताब मिर्जा को भेंट कर रहे हैं। इस किताब के कवर पर बांग्लादेश का जो नक्शा छापा गया है, वो सच से परे है। इस नक्शे में भारत के सात पूर्वोत्तर राज्यों को बांग्लादेश के हिस्से के रूप में दिखाया गया है। इस नक्शे को कट्टरपंथी इस्लामी समूह ‘ग्रेटर बांग्लादेश’ के तौर पर पेश करते हैं, जिसे गंभीरता का परिचय ना देते हुए यूनुस ने भी उठा लिया है।
पाकिस्तान-बांगलादेश संबंध
बीते साल अगस्त में यूनुस के कार्यभार संभालने के बाद से बांग्लादेश-पाकिस्तान संबंधों में नरमी आई है। ढाका की सत्ता संभालने के बाद यूनुस ने लगातार अपना भारत विरोध का चेहरा दिखाया है। यूनुस ने बीते एक साल में भारत के पूर्वोत्तर का कई दफा जिक्र किया है। यूनुस कई मौकों पर पूर्वोत्तर राज्यों को बांग्लादेश से घिरा कह चुके हैं। ऐसा कहते हुए उन्होंने एक तरह से भारत को धमकाने की कोशिश की है।
यूनुस की नक्शा राजनीति
यूनुस के करीबी सहयोगी नाहिद इस्लाम ने बीते साल पश्चिम बंगाल, त्रिपुरा और असम के कुछ हिस्सों को बांग्लादेश का हिस्सा दिखाते हुए नक्शा साझा करके ग्रेटर बांग्लादेश का विचार पेश किया था। इससे पता चलता है कि यह विचार लगातार यूनुस की सरकार के लोगों में है। हालांकि आलोचना के बाद यूनुस ने इस पर चुप्प्पी साध ली थी।
भारत के पूर्वोत्तर को बाकी देश से जोड़ने वाले कोरिडोर (चिकन नेक) पर भी बांग्लादेश की ओर से कई दफा आक्रामक बयान आते रहे हैं। इससे भारत की सुरक्षा चिंता बढ़ी है। खासतौर से यूनुस के आने के बाद बांग्लादेश की पाकिस्तान और चीन के साथ बढ़ती नजदीकियां नई दिल्ली को इस तरफ गंभीरता से सोचने पर मजबूर करती है।





