टाटा से निकल गया ‘कांटा’! रतन टाटा के करीबी मेहली मिस्त्री की विदाई तय

नई दिल्ली: देश के सबसे औद्योगिक घराने टाटा ग्रुप की होल्डिंग कंपनी टाटा संस में मैज्योरिटी हिस्सेदारी रखने वाले टाटा ट्रस्ट्स में बड़ा उलटफेर हुआ है। दिवंगत रतन टाटा के करीबी माने जाने वाले मेहली मिस्त्री को ट्रस्ट से हटाया जा सकता है। टाटा ट्रस्ट्स के चेयरमैन नोएल टाटा, वाइस चेयरमैन वेणु श्रीनिवासन और ट्रस्टी विजय सिंह ने मेहली मिस्त्री के कार्यकाल को आगे बढ़ाने की मंजूरी नहीं दी है। सूत्रों के मुताबिक इससे टाटा के इन बड़े चैरिटेबल संस्थानों में उनका सफर खत्म हो जाएगा।
मिस्त्री के कार्यकाल को बढ़ाने के खिलाफ तीन ट्रस्टियों ने वोट दिया है। यह फैसला दोनों अहम ट्रस्टों में बहुमत से लिया गया है। सर रतन टाटा ट्रस्ट (SRTT) और सर दोराबजी टाटा ट्रस्ट (SDTT) मिलकर टाटा संस में 51% हिस्सेदारी रखते हैं। वहीं टाटा ट्रस्ट्स की टाटा संस में 66% हिस्सेदारी है। सर दोराबजी टाटा ट्रस्ट (SDTT) के ट्रस्टियों में नोएल टाटा, वेणु श्रीनिवासन, विजय सिंह, मेहली मिस्त्री, प्रमित झावेरी और डेरियस खंबाटा शामिल हैं। सर रतन टाटा ट्रस्ट (SRTT) में नोएल टाटा, वेणु श्रीनिवासन, विजय सिंह, जिमी टाटा, जहांगीर एचसी जहांगीर, मेहली मिस्त्री और डेरियस खंबाटा ट्रस्टी हैं।
अक्टूबर क्यों है खास?
चूंकि मेहली मिस्त्री अपने कार्यकाल को बढ़ाने के फैसले पर वोट नहीं कर सकते, इसलिए SDTT में उनके खिलाफ बहुमत है। SRTT में भी जिमी टाटा आमतौर पर ट्रस्ट की बैठकों में हिस्सा नहीं लेते हैं, इसलिए वहां भी उनके खिलाफ बहुमत है। यह एक अजीब संयोग है कि मेहली मिस्त्री को उसी अक्टूबर महीने में हटाया जा रहा है, जिस महीने 2016 में उनके चचेरे भाई साइरस मिस्त्री को टाटा संस के चेयरमैन पद से हटाया गया था।
कौन हैं मेहली मिस्त्री?
सर दोराबजी टाटा ट्रस्ट का ट्रस्ट डीड 1932 में लिखा गया था। इसमें कहा गया है कि किसी भी बैठक के लिए कम से कम तीन ट्रस्टियों का मौजूद होना जरूरी है। बैठक में मौजूद ट्रस्टियों के बहुमत का फैसला माइनोरिटी पर बाध्यकारी होगा। मेहली मिस्त्री एम. पल्लोनजी ग्रुप ऑफ कंपनीज के प्रमोटर हैं। इस ग्रुप का कारोबार इंडस्ट्रियल पेंटिंग, शिपिंग, ड्रेजिंग, कार डीलरशिप और अन्य क्षेत्रों में फैला हुआ है।
टाटा की कई कंपनियां उनके कारोबार से जुड़ी हुई हैं या उनके साथ साझेदारी में हैं। मिस्त्री ब्रीच कैंडी हॉस्पिटल ट्रस्ट के भी ट्रस्टी हैं। मेहली मिस्त्री, शापूरजी मिस्त्री और उनके दिवंगत भाई और पूर्व टाटा संस चेयरमैन साइरस मिस्त्री के चचेरे भाई भी हैं। शापूरजी पल्लोनजी ग्रुप टाटा संस का दूसरा सबसे बड़ा शेयरधारक है। इस ग्रुप की टाटा संस में 18.37% हिस्सेदारी है।





