अपने जन्मदिन की पार्टी छोड़कर प्रेमानंद महाराज की शरण में पहुंचा नन्हा भक्त, वृंदावन के संत हुए निहाल

मथुरा: भौतिक सुख-सुविधाओं से दूर अध्यात्म की ओर बढ़ते एक बालक की अनोखी आस्था ने वृंदावन के राधाकेली कुंज आश्रम में मौजूद सभी लोगों को भाव-विभोर कर दिया। बच्चे ने अपनी शानदार बर्थडे पार्टी को छोड़कर संत प्रेमानंद महाराज के सत्संग में शामिल होने का फैसला किया।
बच्चे की मां ने प्रेमानंद महाराज को बताया कि आज उनके बेटे का जन्मदिन है। उसने पार्टी करने के बजाय महाराज के दर्शन और सत्संग में शामिल होने की इच्छा जाहिर की। एकांत वार्ता के दौरान नन्हें भक्त ने कहा, ‘महाराज जी, आज मेरा जन्मदिन है। मैं अपनी पार्टी छोड़कर आपसे मिलने आया हूं।’ बालक की यह बात सुनकर प्रेमानंद महाराज अत्यंत प्रसन्न हुए।
महाराज ने दिया राधा नाम कीर्तन का आशीर्वाद
बालक के निस्वार्थ प्रेम और समर्पण से प्रसन्न होकर प्रेमानंद महाराज ने उसे अमूल्य आशीर्वाद दिया और जन्मदिन मनाने का एक अद्भुत तरीका सुझाया। उन्होंने बच्चे से कहा कि वह घर जाकर एक घंटा ‘राधा नाम’ का कीर्तन करे। साथ ही अपने सभी साथियों को बुलाकर अच्छे-अच्छे पकवान खिलाए। प्रेमानंद महाराज ने इस बालक को समझाया कि नाम संकीर्तन और लोगों की सेवा से ही जन्म सार्थक होता है।
अध्यात्म की ओर नई पीढ़ी का रुझान
यह घटना दर्शाती है कि जहां आज के बच्चे जन्मदिन पर महंगे उपहार और धूम-धड़ाका चाहते हैं, वहीं कुछ युवा मन सनातन संस्कृति और भक्ति मार्ग की ओर भी आकर्षित हो रहे हैं। प्रेमानंद महाराज का यह मार्गदर्शन नई पीढ़ी को सिखाता है कि उत्सव का वास्तविक अर्थ भगवान का स्मरण और प्रेम बांटना है, न कि केवल दिखावा। बच्चे का यह समर्पण वृंदावन में चर्चा का विषय बना हुआ है।





