भोपाल में सफाईकर्मियों का प्रदर्शन, कचरा नहीं उठाया:कोलार इलाके में सफाई नहीं, बोले- पूरे महीने काम किया, आधी सैलरी क्यों?

आधे महीने की ही सैलरी मिलने से नाराज भोपाल के सफाईकर्मियों ने शनिवार सुबह कचरा नहीं उठाया। सुबह से ही निगम दफ्तरों में गाड़ियां खड़ी कर दी। कोलार इलाके में सबसे ज्यादा असर है। अन्य इलाकों में भी कर्मचारियों की नाराजगी का असर है। उनके समर्थन में कांग्रेस भी मैदान में उतर गई है। कांग्रेस नेता रविंद्र साहू भी कर्मचारियों के बीच पहुंचे। उन्होंने कहा कि यदि जरूरत पड़ी तो भूख हड़ताल पर बैठूंगा।
इधर, निगम में नेता प्रतिपक्ष शबिस्ता जकी ने भी मांग को जायज ठहराया। बता दें भोपाल नगर निगम में 15 हजार से अधिक सफाईकर्मी हैं। निगम में 16 अक्टूबर से आधार बैस अटेंडेंस शुरू कर दी गई है। इससे पहले वे सार्थक एप से अटेंडेंस लगाते थे। नए सिस्टम की वजह से सफाईकर्मियों को 16 से 31 अक्टूबर तक की ही सैलरी मिली। शुक्रवार रात में तनख्वाह उनके अकाउंट में आ गई। आधे महीने की सैलरी मिलने से सफाईकर्मियों में नाराजगी बढ़ गई।
इधर, कांग्रेस नेता रविंद्र साहू ने कहा कि भोपाल को स्वच्छ बनाने के लिए सफाईकर्मियों का सबसे बड़ा योगदान है। इसलिए उन्हें पूरी सैलरी दी जानी चाहिए। उनके समर्थन में भूख हड़ताल करने से भी पीछे नहीं हटूंगा। साथ ही महापौर और कमिश्नर से मांग की है कि सफाईकर्मियों की मांग का तत्काल निराकरण करें।
सुबह से कोलार ऑफिस के बाहर जुटे आधी सैलरी मिलने से नाराज सफाईकर्मी कोलार में गेहूंखेड़ा स्थित निगम ऑफिस के बाहर इकट्ठा हुए और नारेबाजी करने लगे। भारतीय सफाई मजदूर संघ के अध्यक्ष सोनू डागर ने बताया, सफाईकर्मी सैलरी पर ही आश्रित है। इसी से उनके बच्चों के स्कूल की फीस, लोन की किश्त समेत खर्चे पूरे होते हैं। आधी सैलरी में वे कुछ नहीं कर सकते। निगम को पूरे महीने की ही सैलरी देना थी या फिर अटेंडेंस का नया सिस्टम 1 नवंबर से शुरू करना था। ऐसे में पूरे महीने की ही सैलरी मिल जाती।
अटेंडेंस के समय में भी बदलाव नहीं जिलाध्यक्ष डागर ने बताया कि नए सिस्टम के तहत अटेंडेंस के समय में भी बदलाव की मांग की गई है। कमिश्नर संस्कृति जैन से मिलकर कहा गया था कि महिलाओं का सुबह 8 बजे और पुरुष कर्मचारियों का सुबह 7 बजे समय कर दिया जाए। ताकि, वे सुबह के काम भी निपटा लें और सफाई भी कर दें, लेकिन ऐसा नहीं हुआ।
कर्मचारी नेता बोले-आधा वेतन पूरा काम, नहीं चलेगा यह अपमान तृतीय वर्ग कर्मचारी संघ ने सफाईकर्मियों की मांग को जायज बताया है। संघ के महामंत्री उमाशंकर तिवारी ने कहा कि भोपाल को स्वच्छता में दो नंबर पर पहुंचाने वाले और रात-दिन सफाई करके इस शहर को चमकाने वाले नगर निगम कर्मचारी की मांग सही है। जिन पर कभी फूल बरसाए गए थे, कभी पर पैर धुलाई हुई उन्हें ही आधे महीने का वेतन देकर उनका अपमान किया जा रहा है। इसकी घोर निंदा की जाती है।
तिवारी ने मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव से तत्काल संज्ञान लेकर स्वच्छता के लिए काम कर रहे सफाई मित्रों को सम्मानजनक वेतन देने की मांग की है।
कोलार में सफाई नहीं, अन्य इलाकों में भी असर संगठन के पदाधिकारियों का कहना है कि कोलार के सभी इलाकों में आज सफाई नहीं हुई है। सफाईकर्मी ऑफिस के बाहर ही प्रदर्शन कर रहे हैं। बाकी इलाकों में भी असर पड़ रहा है।





