सेविंग्स अकाउंट खाली कर एफडी करा रहे हैं लोग? जान लीजिए वजह

नई दिल्ली: आरबीआई (RBI) के ताजा आंकड़ों के मुताबिक, कुल बैंक डिपॉजिट में फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) की हिस्सेदारी बढ़कर दो साल के उच्चतम स्तर 62% पर पहुंच गई है। यह आंकड़ा सितंबर 2025 की तिमाही का है। मार्च 2023 में यह 57% था। इस दौरान सेविंग्स अकाउंट की हिस्सेदारी 33% से गिरकर 29% रह गई है।
- क्यों बढ़ा चलन?
इसके पीछे सबसे बड़ी वजह है ज्यादा ब्याज का फायदा उठाना। ग्राहकों को लग रहा है कि RBI आने वाले समय में ब्याज दरें घटा सकता है। इसलिए, रेट कम होने से पहले ही वे ऊंचे ब्याज दर पर अपनी एफडी लॉक कर लेना चाहते हैं। - ग्राहक देख रहे फायदा
फेडरल बैंक के कंस्यूमर बैंकिंग हेड विराट दीवानजी ने ET को बताया, इस साल जून और सितंबर तिमाही में टर्म डिपॉजिट (एफडी) में काफी तेजी आई है। ग्राहक अब अपने रिटर्न को लेकर बहुत जागरूक हैं। डिजिटल सुविधाओं के कारण वे आसानी से देख पा रहे हैं कि कहां ज्यादा फायदा है। - क्यों आया बदलाव?
दरअसल, 2024 के ज्यादातर हिस्से और 2025 की शुरुआत में बैंकों को नकदी की तंगी का सामना करना पड़ा था। इसके चलते उन्होंने एफडी रेट्स बढ़ा दिए थे। TMB के एमडी और सीईओ सली नायर का कहना है कि ज्यादा रिटर्न पाने की चाहत में लोग सेविंग्स अकाउंट छोड़कर एफडी की तरफ भागे। लोन की मांग डिपॉजिट से ज्यादा तेज थी, इसलिए बैंकों ने ग्राहकों को लुभाने के लिए स्पेशल स्कीम्स और रेट्स निकाले। इसके अलावा, शेयर बाजार में तेजी की वजह से SIP में भी खूब पैसा लगा। लोगों ने बैंकों के बजाय MF और शेयरों में पैसा लगाया। इससे सेविंग्स डिपॉजिट में और गिरावट आई। - बैंकों की परेशानी
सेविंग्स अकाउंट में रखे पैसे पर बैंक को कम ब्याज (2-3% ) देना पड़ता है। लेकिन एफडी पर उन्हें 78% तक ब्याज देना पड़ता है। इसका असर उनके मुनाफे पर पड़ता है। - रेट्स पर असर
बैंकर्स का कहना है कि फरवरी 2025 से आरबीआई ने रेट में 1% (100 बेसिस पॉइंट) की कटौती की है। फिर भी डिपॉजिट के लिए मची होड़ के कारण एफडी रेट्स उस हिसाब से कम नहीं हुए हैं। नायर का कहना है कि बैंक एफडी रेट्स घटाने से हिचकिचा रहे हैं। क्योंकि लोन की बढ़ती मांग को पूरा करने और अपने पास पर्याप्त नकदी बनाए रखने के लिए उन्हें डिपॉजिट की सख्त जरूरत है। - 62%-कुल बैंक डिपॉजिट में एफडी की हिस्सेदारी (सितंबर 2025 तिमाही)।57%-मार्च 2023 में एफडी की हिस्सेदारी थी।29%-सेविंग्स अकाउंट की हिस्सेदारी घटी (सितंबर 2025)|33%-सेविंग्स अकाउंट की हिस्सेदारी थी (मार्च 2023)।36%-प्राइवेट बैंको की एफडी हिस्सेदारी बढ़ी (जून 2023 के 33% से ऊपर)।58%-सरकारी बैंकों की हिस्सेदारी गिरी (61% से नीचे)।
- अहम आंकड़े





