छत्तीसगढ़ के ‘मुन्नाभाई MBBS’…15 साल में करोड़ों ठगे:अय्याशी के लिए ठग बने 2 मेडिकल स्टूडेंट्स,

गरियाबंद, छत्तीसगढ़ के जगदलपुर में स्व. बलिराम कश्यप मेडिकल कॉलेज में पढ़ने वाले 2 MBBS छात्रों को गरियाबंद पुलिस ने गिरफ्तार किया है। दोनों ने नकली अधिकारी बनकर एक युवक से 1 लाख रुपए ऐंठ लिए थे। उसे झूठे केस में फंसाने की धमकी दी थी। मामला छुरा पुलिस स्टेशन इलाके का है।

जानकारी के मुताबिक ठग छात्रों में गरियाबंद के रहने वाले चंद्रशेखर सेन उर्फ ​​चंदन सेन (40) और UP के झांसी के रहने वाले निखिल राज सिंह (37) शामिल है। चंद्रशेखर सेन पर अलग-अलग 8 मामले दर्ज हैं। वहीं निखिल राज गुरुग्राम में लगभग 5 करोड़ की धोखाधड़ी कर चुका है।

ये दोनों छात्र पहले भी छत्तीसगढ़ में ‘मुन्नाभाई’ एग्जाम फ्रॉड केस के सिलसिले में जेल जा चुके हैं। पैसे का लालच और खर्चीली आदतों की वजह से वे पिछले 15 सालों से लगातार करोड़ों रुपए के फ्रॉड कर रहे थे। दोनों ने 2007 में कॉलेज में एडमिशन लिया था। कई बार फेल हो चुके हैं। अभी भी पढ़ाई कर रहे हैं।

अब जानिए पूरा मामला

दरअसल, चंद्रशेखर सेन गरियाबंद और उसका साथी निखिल राज सिंह उत्तरप्रदेश का रहने वाला है। दोनों साल 2007 में PMT परीक्षा पास किए थे। इसके बाद दोनों ने मेडिकल कॉलेज जगदलपुर में एडमिशन लिया था।

वहीं पर दोनों पहली बार मिले थे। इसके बाद बहुत जल्दी, बहुत ज्यादा पैसे कमाने के लालच में छात्रों को फर्जी तरीके से PMT परीक्षा पास कराने का लालच देने लगे। PMT परीक्षा देने वाले अभ्यर्थी के जगह परीक्षा में दूसरे अभ्यर्थी को बैठाकर पास कराने का ठेका लेने लगे।

साल 2009 के PMT परीक्षा में आरोपियों ने महासमुंद में वास्तविक अभ्यर्थी की जगह दूसरे अभ्यर्थी को बैठाकर परीक्षा दिलवाई थी। व्यापमं को इसकी जानकारी हुई तो दोनों आरोपियों सहित 9 लोगों पर थाना कोतवाली महासमुंद में अपराध दर्ज किया गया था।

इसी तरह साल 2010 के PMT परीक्षा में आरोपियों ने जिला बिलासपुर में वास्तविक अभ्यर्थी की जगह दूसरे अभ्यर्थी को बैठाकर परीक्षा दिलवाई थी। जिसमें जानकारी होने पर दोनों आरोपी सहित 8 लोगों पर थाना सरकंडा बिलासपुर में अपराध दर्ज किया गया था।

15 साल से लगातार कर रहे ठगी

इन दोनों केस में चंद्रशेखर और उसका साथी निखिल जेल जा चुके थे। PMT केस के बाद लगातार 15 साल तक वे ठगी की घटना को अंजाम देते रहे। ताजा मामला गरियाबंद जिले का है। जहां जिले के रहने वाले खेमचंद ने छुरा थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई।

पीड़ित ने बताया कि अगस्त 2025 में उसे डाक से एक फर्जी नॉन-बेलेबल वारंट मिला था। आरोपी निखिल राज ने झूठे मामले में फंसाने की धमकी देकर उनसे 2 लाख रुपए मांगे थे। डरकर खेमचंद ने अगस्त में ही निखिल राज को एक लाख दे दिया था।

इसके बाद भी आरोपी निखिल राज और उसके साथी चंद्रशेखर उर्फ चंदन सेन ने खेमचंद को जेल भेजने की धमकी देते हुए पैसों की मांग जारी रखी। शिकायत पर छुरा थाने में मामला दर्ज कर जांच शुरू की गई।

UP भागने की फिराक में था आरोपी

पुलिस टीम ने पहले गरियाबंद के कनसिंघी निवासी चंद्रशेखर उर्फ चंदन सेन को पकड़ा। पूछताछ में उसने बताया कि उसका साथी निखिल राज ट्रेन से भाग रहा है। ट्रेन के लोकेशन के आधार पर RPF बिलासपुर और पेंड्रारोड की मदद से निखिल को हिरासत में लिया गया।

भोले-भाले लोगों को जाल में फंसाते

दोनों आरोपियों ने पूछताछ में अपराध करना स्वीकार किया। आरोपियों ने बताया कि वे पहले से मेडिकल कॉलेज के स्टूडेंट हैं। बहुत ज्यादा खर्च करने की आदत के कारण भोले-भाले लोगों को फंसाते हैं। 2009 से लोगों से पैसे ऐंठने का काम कर रहे हैं।

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