AQI 300: दिल्ली में लगेगा प्रदूषण वाला लॉकडाउन? डराने लगा हर घंटे तेजी से बढ़ता प्रदूषण

नई दिल्ली
दिवाली से पहले ही दिल्ली की हवा फिर से 'जहरीली' होने लगी है। राजधानी में बीतते हर घंटे के साथ तेजी से बढ़ता वायु प्रदूषण (एक्यूआई) अब डराने लगा है। 'सफर' के आंकड़ों के अनुसार, रविवार दोपहर को दिल्ली का वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यू) 302 दर्ज किया गया, जो सुबह 266 था। राजधानी में समग्र वायु गुणवत्ता बिगड़कर अब 'बहुत खराब' श्रेणी में पहुंच गई है। जानकारी के अनुसार, दिल्ली में रविवार सुबह 266 एक्यूआई के साथ समग्र वायु गुणवत्ता 'खराब श्रेणी' में दर्ज की गई, जिसमें शनिवार को यह एक्यूआई 173 था।

सिस्टम ऑफ एयर क्वालिटी एंड वेदर फोरकास्टिंग एंड रिसर्च (SAFAR) के ताजा आंकड़ों के अनुसार, दिल्ली विश्वविद्यालय के आसपास हवा की गुणवत्ता दोपहर के समय 330 (बहुत खराब) दर्ज की गई, जबकि नई दिल्ली में आईजीआई टर्मिनल टी3 सुबह के समय 276 के मुकाबले 313 दर्ज की गई। 'सफर' के अनुसार, रविवार सुबह इंडिया गेट के पास कर्तव्य पथ पर एक्यूआई 266 दर्ज की किया। इस बीच, नोएडा में AQI 290 (खराब) और गुरुग्राम में 152 (मध्यम), नई दिल्ली में आनंद विहार AQI 345 के साथ बहुत खराब श्रेणी में पहुंच गया, IT0 309 AQI के साथ, न्यू मोती बाग 360 AQI के साथ, द्वारकर सेक्टर-8 में 313 AQI दर्ज किया गया।

राष्ट्रीय राजधानी में शुक्रवार सुबह हवा की गुणवत्ता 149 के वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) के साथ 'मध्यम' श्रेणी में दर्ज की गई। समग्र AQI बुधवार को 83 से बढ़कर गुरुवार को 117 हो गया था। गौरतलब है कि 0 और 50 के बीच हवा की गुणवत्ता "अच्छी", 51 और 100 के बीच "संतोषजनक", 101 और 200 के बीच "मध्यम", 201 और 300 के बीच "खराब", 301 और 400 के बीच "बहुत खराब", और 401 से 450 के बीच  "गंभीर" होती है।

दिल्ली ग्रैप का दूसरा चरण लागू

बता दें कि, केंद्र सरकार के वायु गुणवत्ता आयोग ने प्रदूषण में वृद्धि की आशंका के बीच शनिवार को ही दिल्ली- एनसीआर के प्राधिकारियों को निजी परिवहन को हतोत्साहित करने के लिए पार्किंग शुल्क में बढ़ोतरी और सीएनजी और इलेक्ट्रिक बसों, मेट्रो सेवाओं को बढ़ावा देने का निर्देश दिया था। सर्दी के दौरान वायु प्रदूषण से निपटने के लिए दिल्ली-एनसीआर में लागू की जाने वाली केंद्र सरकार के ग्रेडेड रेस्पॉन्स एक्शन प्लान (जीआरएपी) के दूसरे चरण के तहत यह निर्देश दिया गया है।

दिल्ली-एनसीआर में वायु गुणवत्ता की स्थिति की समीक्षा करने के लिए हुई एक बैठक में वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) ने कहा कि मौसम विभाग के पूर्वानुमानों से पता चलता है कि प्रतिकूल मौसम और जलवायु परिस्थितियों के कारण 23 और 24 अक्टूबर को दिल्ली की समग्र वायु गुणवत्ता के गिरकर 'बहुत खराब' श्रेणी में जाने की आशंका है।

कब और कैसे लागू होते हैं ग्रैप के प्रतिबंध

दिल्ली-एनसीआर में वायु गुणवत्ता के आधार पर ग्रैप को चार चरणों में बांटा गया है। पहला चरण वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 201-300 यानी 'खराब' होने पर लागू किया जाता है। दूसरा चरण एक्यूआई 301-400 (बहुत खराब) होने पर, तीसरा चरण एक्यूआई 401-450 (गंभीर) होने पर और चौथा चरण एक्यूआई 450 से अधिक (गंभीर से भी ज्यादा) होने पर लागू किया जाता है। पहले चरण में 500 वर्ग मीटर के बराबर या उससे अधिक के उन भूखंड पर निर्माण और तोड़फोड़ परियोजनाओं पर काम रोकने का आदेश दिया जाता है जो धूल रोकने के उपायों की निगरानी से संबंधित राज्य सरकार के पोर्टल पर पंजीकृत नहीं होते हैं। इसके अलावा पहले चरण में दिल्ली के 300 किलोमीटर के अंदर प्रदूषण फैलाने वाली औद्योगिक इकाइयों और ताप ऊर्जा संयंत्रों के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई की जाती है और होटल, रेस्तरां व खुले भोजनालयों के तंदूर में कोयले और जलावन लकड़ी के उपयोग पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया जाता है।

निर्माण और तोड़फोड़ वाले स्थलों से निकलने वाली धूल पर काबू पाने के लिए दिशानिर्देशों का उचित कार्यान्वयन सुनिश्चित करना भी पहले चरण के तहत आता है। दूसरे चरण के तहत उठाए जाने वाले कदमों में व्यक्तिगत वाहनों के इस्तेमाल को कम करने के उद्देश्य से पार्किंग शुल्क बढ़ाना और सीएनजी/इलेक्ट्रिक बस और मेट्रो सेवाओं को बढ़ावा देना शामिल है। तीसरे चरण के तहत, दिल्ली, गुरुग्राम, फरीदाबाद, गाजियाबाद और गौतम बुद्ध नगर में पेट्रोल से चलने वाले बीएस-3 इंजन वाले  और डीजल से चलने वाले बीएस-4 चार पहिया वाहनों के इस्तेमाल पर रोक लगाने का प्रावधान है।

चौथे चरण में सभी प्रकार के निर्माण और तोड़फोड़ कार्यों पर प्रतिबंध लगाना शामिल है। राज्य सरकारें ऐसी स्थितियों के दौरान स्कूली छात्रों के लिए ऑनलाइन कक्षाओं और सरकारी व निजी कार्यालयों के लिए घर से काम करने के बारे में निर्णय लेने के लिए भी अधिकृत है।

 

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