बिलखिरिया क्षेत्र में स्टेट हाईवे पर 100 मीटर लंबा गड्ढा

भोपाल के बिलखिरिया क्षेत्र में पूर्वी बायपास पर सोमवार दोपहर स्टेट हाईवे धंस गया। 11वां मील पर भोपाल से इंदौर की ओर जाते समय रेलवे ओवरब्रिज (आरओबी) के पहले करीब 100 मीटर लंबा यह हिस्सा गड्‌ढे में तब्दील हो गया।

गनीमत रही कि सड़क पर कोई वाहन नहीं था, अन्यथा जनहानि हो सकती थी। सड़क बनाने वाली कंपनी ने रेनफोर्स्ड अर्थ वॉल (आरई वॉल) को तकनीकी मानकों के अनुसार नहीं बनाया था। इसके नीचे लगातार पानी भर रहा था।

ग्रामीणों के अनुसार, पिछले 5-6 साल से इसका मेंटनेंस नहीं हो रहा था। इसके बावजूद इस हाईवे पर टोल वसूली जारी है। इस हाईवे पर 2013 से हर साल 62 करोड़ टोल वसूला जाता है। एक्सपर्ट के अनुसार, वाहनों की संख्या के आधार पर 12 साल में औसतन 650 करोड़ रुपए की टोल वसूली हो चुकी है।

इधर, एमपीआरडीसी के प्रबंध संचालक भरत यादव ने 3 सदस्यीय जांच समिति बनाई है। यह समिति आर-ई वॉल के धंसने के तकनीकी कारणों की जांच कर रिपोर्ट शासन को सौंपेगी। एमडी ने कहा कि अगर लापरवाही या अनियमितता पाई गई तो अनुशासनात्मक कार्रवाई करेंगे।

2013 में निर्माण, ग्रामीण बोले- पानी भरता है, MPRDC ने कहा- सालाना मरम्मत करते हैं

  • सड़क बनाने वाली संस्था ट्रॉन्सट्राय प्रा.लि. ने अनुबंध की शर्तें पूरी नहीं की तो 2020 में कांट्रैक्ट रद्द। फिर अलग-अलग ठेकेदारों ने आंशिक मेंटनेंस किया। ग्रामीण बोले- 5-6 साल से मरम्मत नहीं हुई। बरसात में पानी भरता रहा। एमपीआरडीसी का दावा है कि हर साल मरम्मत होती है।
  • सड़क का मेंटनेंस दो तरह से होता है। पहला, सालाना, जिसमें पेचवर्क समेत अन्य काम। लागत 6 करोड़ रु. है। दूसरा, 5 साल में रिन्युएबल। लागत 15 लाख रु./किमी। दोनों मिलाकर सालाना खर्च 7.5 करोड़ रु. होता है। इस साल इस सड़क की मरम्मत के लिए 9 करोड़ रु. जारी हुए।
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