कांवड़ यात्रा में सेवा और संरक्षण का संगम:नर्मदापुरम से भोपाल तक रोप रहे पौधे, तीसरे दिन मंडीदीप पहुंची यात्रा

श्रावण मास के पावन अवसर पर सेवा का संकल्प जनकल्याण समिति द्वारा आयोजित बाबा बटेश्वर कांवड़ यात्रा ने धार्मिक आस्था के साथ पर्यावरण संरक्षण का भी संदेश दिया है। 25 जुलाई को नर्मदापुरम से प्रारंभ हुई इस पदयात्रा का समापन 28 जुलाई को हो रहा है। तीसरे दिन यात्रा मंडीदीप पहुंची, जहां कांवड़ियों का जगह-जगह पुष्प वर्षा और माला पहनाकर स्वागत किया गया।

यात्रा के प्रमुख आयोजकों चेतन भार्गव और प्रकाश मालवीय ने बताया कि कांवड़िये मार्ग में पड़ने वाले गांवों व कस्बों में विभिन्न प्रजातियों के पौधे रोप रहे हैं। खास बात यह है कि इन पौधों की देखरेख का संकल्प स्थानीय लोग स्वयं ले रहे हैं, जिससे यह पर्यावरणीय पहल स्थायी स्वरूप ले सके। यात्रा का उद्देश्य केवल भोलेनाथ का जलाभिषेक ही नहीं, बल्कि समाज में पर्यावरण के प्रति जागरूकता बढ़ाना भी है।

करीब 700 से अधिक श्रद्धालु इस पदयात्रा में शामिल हैं। युवा कांवड़िये हाथों में तिरंगा और कांवड़ लेकर नर्मदा जल के साथ "बोल बम" के जयकारे लगाते हुए भोपाल की ओर बढ़ रहे हैं। यात्रा जबलपुर रोड होते हुए भोपाल के विभिन्न मार्गों से गुजरेगी और 28 जुलाई को श्री बड़वाले महादेव मंदिर पहुंचकर नर्मदा जल से बाबा भोलेनाथ का अभिषेक किया जाएगा।

इस अवसर पर समिति के पदाधिकारियों कृष्ण राज तोमर, श्रीराम पाठक, भास्कर यादव और यश जैन ने मंडीदीप में कांवड़ियों का स्वागत करते हुए कहा कि यह यात्रा सेवा, संकल्प और संस्कृति का प्रतीक बन गई है।

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