एक लीक फोन कॉल से थाईलैंड-कंबोडिया में जंग छिड़ी:शिव मंदिरों के लिए दोस्त से दुश्मन बने पड़ोसी, 5 दिनों तक चली जंग

थाईलैंड और कंबोडिया के बीच सुबह 6 बजे मुठभेड़ शुरू हुई। दस मिनट तक चली गोलीबारी में कंबोडियाई सेना के लेफ्टिनेंट सुओन रौन की मौत हो गई। दोनों देशों ने एक-दूसरे पर पहले हमला करने का आरोप लगाया।

इस घटना के बाद थाईलैंड और कंबोडिया ने सीमा पर और ज्यादा सैनिक तैनात कर दिए। इसे शांत करने के लिए थाईलैंड की तत्कालीन पीएम पाइतोंग्तार्न शिनवात्रा ने 15 जून को कंबोडिया के पूर्व पीएम हुन सेन को फोन लगाया।

दोनों नेताओं के बीच 17 मिनट बात हुई जो कि लीक हो गई। इससे थाईलैंड की सियासत में भूचाल आ गया और शिनवात्रा को महज 15 दिन में इस्तीफा देना पड़ा और आखिर में 24 जुलाई को थाईलैंड और कंबोडिया के बीच संघर्ष शुरू हो गया।

इस जंग 33 लोगों की मौत हुई। 2 लाख से ज्यादा लोगों को पलायन करना पड़ा। जंग शुरू होने के पांचवें दिन सोमवार को दोनों देशों ने सीजफायर का ऐलान किया है।

थाईलैंड और कंबोडिया में 118 साल पुराना विवाद

साल 1907 में जब कंबोडिया फ्रांस के अधीन था तब दोनों देशों के बीच 817 किमी की लंबी सीमा खींची गई थी।

थाईलैंड ने इसका विरोध किया, क्योंकि नक्शे में प्रीह विहियर (प्रिय विहार) मंदिर कंबोडिया के हिस्से में दिखाया गया था।

वहीं, ता मुएन थॉम मंदिर को थाईलैंड में दिखाया गया, जबकि कंबोडिया इसे अपना मानता है। ऐसे में दोनों ही देश सीमा विभाजन से खुश नहीं थे।

इस पर दोनों देशों में विवाद चलता रहा। हालांकि इस विवाद के बावजूद दोनों देशों के नेताओं के बीच अच्छे संबंध रहे हैं।

दो देशों के परिवार की दोस्ती, दुश्मनी में बदली

थाइलैंड के पूर्व प्रधानमंत्री थाकसिन शिनवात्रा और कंबोडिया के पूर्व प्रधानमंत्री हुन सेन पुराने दोस्त रहे हैं। दोनों की दोस्ती 1990 के दशक में शुरू हुई, जब थाकसिन ने अपनी कंपनी के जरिए कंबोडिया में निवेश किया।

थाकसिन 2001 में थाईलैंड के प्रधानमंत्री बने, लेकिन 2006 में थाई सेना ने तख्तापलट कर उन्हें सत्ता से हटा दिया। थाकसिन को देश छोड़कर भागना पड़ा। तब हुन सेन ने ही उन्हें कंबोडिया में शरण दी थी। हुन सेन ने साल 2009 में थाकसिन को कंबोडिया का आर्थिक सलाहकार भी बनाया था।

यही वजह थी कि जब 28 मई को थाईलैंड और कंबोडिया के बीच सीमा विवाद शुरू हुआ तो इसे सुलझाने के लिए थाकसिन शिनवात्रा की बेटी और थाईलैंड की तत्कालीन पीएम पाइतोंग्तार्न ने कंबोडिया के पूर्व राष्ट्रपति हुन सेन को फोन किया।

हुन सेन ने साल 2023 में अपने बेटे हुन मैनेट को प्रधानमंत्री पद सौंप दिया था और खुद संसद के अध्यक्ष बन गए। प्रधानमंत्री पद छोड़ने के बाद भी हुन सेन को देश का सबसे ताकतवर नेता माना जाता है।

यही वजह थी कि पीएम ने सीधे हुन सेन से बात की, लेकिन बातचीत की रिकॉर्डिंग लीक हो गई।

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