दोबारा नहीं दिखेगा विराट कोहली जैसा मेगा स्टार

ढलते सूरज की अपनी सुंदरता होती है, अपनी गरिमा होती है। विराट कोहली का क्रिकेट करियर भी इसी तरह एक खूबसूरत और गरिमापूर्ण ढलान पर है। विराट ने क्रिकेट के सबसे छोटे फॉर्मेट के बाद क्रिकेट के सबसे लंबे फॉर्मेट टेस्ट से भी संन्यास ले लिया। टेस्ट क्रिकेट में भारतीय फैंस को चरम सुख दिलाने वाले विराट का यह फैसला शायद वक्त से थोड़ा पहले आ गया। फिटनेस और मौजूदा लय के लिहाज से तो वह अभी और करीब दो साल सफेद जर्सी में दर्शकों का मनोरंजन कर सकते थे।

स्टार कल्चर भी जरूरी

विराट के रिटायरमेंट की आड़ में कुछ लोग भारतीय क्रिकेट से स्टार कल्चर खत्म करने की बात करते हैं। इसके पक्ष में कई बेहतरीन तर्क दिए जा सकते हैं, लेकिन वास्तविकता यही है कि इसी स्टार कल्चर ने भारतीय क्रिकेट को अलग मुकाम तक पहुंचाया है। अपने चहेते सितारों को देखने के लिए ही दर्शक स्टेडियम पहुंचते हैं। कुछ महीने पुराना ही एक बड़ा उदाहरण है। विराट रेलवे के खिलाफ दिल्ली की ओर से रणजी ट्रॉफी मैच खेलने के लिए दिल्ली के अरुण जेटली स्टेडियम में उतरे थे। मैच की पूर्वसंध्या तक यह एक सामान्य रणजी मैच था, लेकिन सुबह छह बजे से ही स्टेडियम के बाहर लगे फैंस की लंबी कतार ने उस मैच की अहमियत से आयोजकों व पत्रकारों को रूबरू कराया। वह विराट का ही स्टारडम था, जिसने स्टेडियम में प्रवेश के लिए गेट के बाहर अफरातफरी का माहौल खड़ा कर दिया था।

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