जबलपुर मेडिकल कॉलेज में खून के सौदागरों का नेटवर्क

महाकौशल के सबसे बड़े नेताजी सुभाषचंद्र बोस मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में खून का अवैध कारोबार पकड़ा गया है। यहां दलाल मरीजों से रुपए लेकर ब्लड दिलाने का सौदा करते हैं। मरीजों के इलाज से लेकर रिपोर्ट तक के लिए भी पैसे वसूले जा रहे हैं। इस गोरखधंधे में मेडिकल कॉलेज के वार्डबॉय भी शामिल हैं। दैनिक भास्कर के कैमरे में वार्डबॉय और दलालों के बीच रुपए का लेनदेन कैद हुआ है।

इस खुलासे के बाद मेडिकल कॉलेज के डीन ने पैथोलॉजी विभागाध्यक्ष को जांच के आदेश दिए हैं। वहीं, एएसपी सूर्यकांत शर्मा ने इस गिरोह को एक लंबी चेन बताया है, जिसमें मेडिकल कॉलेज के कई कर्मचारी और बाहरी लोग शामिल हैं।

मरीजों की मजबूरी को बनाया कारोबार  नेताजी सुभाषचंद्र बोस मेडिकल कॉलेज में खून की दलाली के नेटवर्क का स्टिंग ऑपरेशन किया। वीडियो में तीन वार्ड बॉय खुलेआम रुपए का लेन-देन करते दिखाई दिए। इनमें से एक वार्डबॉय एक्टिवा सवार युवक से पैसे लेकर यह कहते सुना गया- “सबको लेकर चलना पड़ता है।” जांच में सामने आया कि ये सभी मेडिकल कॉलेज के ही कर्मचारी हैं। कुछ स्थायी हैं जबकि कुछ ठेके पर नियुक्त हैं।

जबलपुर की एक सामाजिक संस्था ने मामले की शिकायत पुलिस से की। संस्था के सदस्य जयंत गिरधरे ने बताया कि मेडिकल कॉलेज में आने वाले ज्यादातर मरीज गरीब और असहाय होते हैं। वार्ड बॉय उनकी जरूरतों की पूरी जानकारी रखते हैं, किसे ब्लड चाहिए, किसकी रिपोर्ट बाकी है, किसका इलाज चल रहा है? यही जानकारी बाहर के दलालों तक पहुंचाई जाती है। इसके बाद मरीजों से ब्लड और इलाज के नाम पर पैसे वसूले जाते हैं।

गिरधरे ने कहा, “अब यह गंदा खेल अस्पताल के सिस्टम का हिस्सा बन चुका है। यहां वार्ड बॉय और दलाल मिलकर मरीजों की मजबूरी को कारोबार बना चुके हैं।”

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