भोपाल में दिलकश और भदभदा मस्जिद पर कार्रवाई टली:वक्फ बोर्ड की आपत्ति पर प्रशासन पहले सुनवाई करेगा

राजधानी भोपाल की करीब 100 साल पुरानी दिलकश मस्जिद और भदभदा डैम के पास स्थित मस्जिद को फिलहाल नहीं हटाया जाएगा। वक्फ बोर्ड की आपत्ति के बाद प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि बिना सुनवाई कोई कार्रवाई नहीं होगी।
टीटी नगर एसडीएम रचना शर्मा ने बताया कि वक्फ बोर्ड से पत्र मिला है, जिसमें कहा गया है कि बोर्ड का पक्ष सुने बिना कार्रवाई विधिसम्मत नहीं है। अब मस्जिद कमेटी और वक्फ बोर्ड को बुलाकर सुनवाई की जाएगी, उसके बाद ही आगे का निर्णय लिया जाएगा।
4 जुलाई को जारी हुआ नोटिस इलाके के जानकार एडवोकेट रफी जुबेरी ने बताया कि 4 जुलाई को टीटी नगर तहसीलदार की ओर से मस्जिद कमेटी को नोटिस भेजा गया। नोटिस में 7 जुलाई की तारीख तय करते हुए कहा गया कि यह निर्माण अवैध है और इसे हटा लिया जाए, अन्यथा प्रशासन खुद कार्रवाई करेगा।
रफी जुबेरी का कहना है कि दिलकश मस्जिद और भदभदा की मस्जिद दोनों वक्फ संपत्ति में पंजीकृत हैं और करीब 100 साल पुरानी हैं। दिलकश मस्जिद का गजट नोटिफिकेशन भी मौजूद है, वहीं भदभदा मस्जिद से सटा करीब 1.44 एकड़ का कब्रिस्तान भी मस्जिद कमेटी के अधीन है।
वक्फ बोर्ड ने दी आपत्ति, हाईकोर्ट में दाखिल की रिट वक्फ बोर्ड ने मस्जिद के दरवाजे पर कलेक्टर के नाम एक पत्र चिपकाकर आपत्ति दर्ज कराई है। जिसमें लिखा है कि ये संपत्तियां वक्फ एक्ट के तहत पंजीकृत हैं और इनके खिलाफ बिना सुनवाई कोई कार्रवाई विधिसम्मत नहीं है। बोर्ड ने 7 जुलाई को तहसीलदार को आपत्ति पत्र भेजा और एनजीटी में चल रहे मामले में खुद को पक्षकार बनाने की मांग की थी।
हालांकि, 24 जुलाई को एनजीटी ने वक्फ बोर्ड को पक्षकार बनाने की मंजूरी तो दी, लेकिन स्थगन आदेश देने से इनकार कर दिया। इसके खिलाफ वक्फ बोर्ड ने 31 जुलाई को हाईकोर्ट में रिट याचिका दाखिल की है।
एनजीटी आदेश का हवाला नोटिस में एनजीटी के आदेश का हवाला देते हुए कहा गया कि जलाशयों और झीलों की परिधि में अवैध निर्माण हटाए जाएं। तय दूरी (50 से 250 मीटर) के भीतर निर्माण पर रोक है। एडवोकेट जुबेरी का कहना है कि मस्जिदें आबादी क्षेत्र में हैं, जिनका रिकॉर्ड 1937 से मौजूद है। ये लीगल कंस्ट्रक्शन हैं, फिर भी इन्हें अवैध बताकर नोटिस भेजा गया, जो गलत है।
एनजीटी आदेश का हवाला नोटिस में एनजीटी के आदेश का हवाला देते हुए कहा गया कि जलाशयों और झीलों की परिधि में अवैध निर्माण हटाए जाएं। तय दूरी (50 से 250 मीटर) के भीतर निर्माण पर रोक है। एडवोकेट जुबेरी का कहना है कि मस्जिदें आबादी क्षेत्र में हैं, जिनका रिकॉर्ड 1937 से मौजूद है। ये लीगल कंस्ट्रक्शन हैं, फिर भी इन्हें अवैध बताकर नोटिस भेजा गया, जो गलत है।
एसडीएम बोलीं, सुनवाई के बाद ही होगी कार्रवाई टीटी नगर एसडीएम रचना शर्मा ने कहा कि वक्फ बोर्ड से पत्र मिला है कि बिना सुनवाई कार्रवाई न हो। इसलिए मस्जिद कमेटी को बुलाकर पक्ष सुना जाएगा और उसके बाद ही आगे की कार्रवाई होगी।