कैबिनेट के इस फैसले के बाद भास्कर ने ऐसे मकानों की पड़ताल की,

भोपाल। मध्य प्रदेश में प्रभावी मौसम प्रणाली के सक्रिय न रहने और आसपास के राज्यों में न्यूनतम तापमान में गिरावट से ठिठुरन बढ़ गई है। शनिवार-रविवार की दरम्यानी रात प्रदेश में सबसे कम सात डिग्री सेल्सियस तापमान इंदौर और राजगढ़ में दर्ज किया गया, जो कि मैदानी इलाकों के शहरों में सबसे कम है। हरियाणा का हिसार 7.5 डिग्री सेल्सियस तापमान के साथ दूसरा सबसे ठंडा शहर रहा।
भोपाल, सीहोर व शाजापुर में तीव्र शीतलहर और रीवा, शहडोल व जबलपुर में शीतलहर का प्रभाव रहा। भोपाल में न्यूनतम तापमान आठ डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया है। पिछले 36 वर्षों में नवंबर में इतना कम तापमान कभी नहीं हुआ। इसके पहले 30 नवंबर 1988 को रात का तापमान 7.5 डिग्री सेल्सियस दर्ज हुआ था। मौसम विज्ञानियों के मुताबिक सोमवार को भी भोपाल, सीहोर, राजगढ़, इंदौर, देवास, शाजापुर, आगर, रीवा, मऊगंज, शहडोल, उमरिया एवं जबलपुर में शीतलहर का प्रभाव रहने की संभावना है।
ग्वालियर-चंबल में धुंध का प्रभाव
मौसम विज्ञान केंद्र के वरिष्ठ मौसम विज्ञानी अरुण शर्मा ने बताया कि वातावरण से नमी कम होने और आसमान साफ होने से पश्चिम मध्य प्रदेश और मध्य क्षेत्र में रात के तापमान में लगातार गिरावट हो रही है। ग्वालियर-चंबल क्षेत्र में नमी रहने के कारण सुबह के समय धुंध का प्रभाव देखने में आ रहा है। हालांकि एक-दो दिन में वहां भी न्यूनतम तापमान में कमी दर्ज होने के आसार हैं।
सीमावर्ती जिलों के तापमान में गिरावट
मौसम विशेषज्ञ अजय शुक्ला ने बताया कि मध्य प्रदेश के आसपास के राज्य राजस्थान, गुजरात, हरियाणा में कड़ाके की ठंड पड़ रही है। इस वजह से उन राज्यों की सीमाओं से लगे जिलों में तापमान में गिरावट हो रही है। इस तरह की स्थिति अभी बनी रहने की संभावना है।





