अमेरिका को सस्ते विदेशी नौकरों की जरूरत नहीं… H-1B वीजा विवाद के बीच जेडी वेंस का बड़ा बयान, क्या ट्रंप प्रशासन में शुरू हुआ झगड़ा?

वॉशिंगटन: अमेरिका में H-1B वीजा को लेकर चल रहे विवाद के बीच उपराष्ट्रपति जेडी वेंस ने विदेशी कामगारों के मुद्दे पर बड़ा बयान दिया है। वेंस ने विदेशी कर्मचारियों को सस्ते नौकर कहकर संबोधित किया और कहा कि हमें उनकी जरूरत नहीं है। सीन हैनिटी के साथ बातचीत में वेंस ने कहा कि डेमोक्रेट मॉडल कम वेतन वाले प्रवासियों को ज्यादा आयात करने का है, जिससे रोजगार, वेतन और समृद्धि को नुकसान पहुंचता है। वेंस ने कहा कि चुनाव कम वेतन वाले प्रवासियों और तकनीक से मजबूत अमेरिकी नागरिकों के बीच है। उन्होंने कहा कि ट्रंप का मॉडल दूसरा है जो अमेरिका के लिए समृद्धि का मार्ग खोलेगा।
राष्ट्रपति ट्रंप के उलट वेंस का बयान
वेंस का बयान अमेरिकी राष्ट्रपति के कुछ दिन पहले दिए उस बयान से अलग है, जिसमें ट्रंप ने कहा था कि अमेरिका को कुछ खास प्रतिभाओं की कमी है। ट्रंप ने जॉर्जिया के बैटरी प्लांट का उदाहरण दिया, जिस पर ट्रंप ने छापा मारा था। ट्रंप ने कहा था, ‘उन्होंने छापे इसलिए मारे क्योंकि वे अवैध प्रवासियों को बाहर निकालना चाहते थे। उनके पास दक्षिण कोरिया के लोग थे, जिन्होंने जिंदगी भर बैटरी बनाई है। आप जानते हैं, बैटरी बनाना बहुत जटिल काम है। यह आसान काम नहीं है और बहुत खतरनाक भी है।’
वेंस का डेमोक्रेट्स पर निशाना
वेंस ने कहा, ‘उनका (डेमोक्रेट्स) विचार था कि ज्यादा समृद्धि पाने का तरीका यह है कि आप ज्यादा से ज्यादा कम वेतन वाले नौकरों का आयात करें, और मुझे लगता है कि इससे समृद्धि कम हुई, क्योंकि इसका मतलब था कि हमारे बहुत से ब्लू-कॉलर वर्कर संघर्ष कर रहे थे।’ उन्होंने आगे कहा, ‘बजाय इसके कि आप उनकी जगह विदेशी मजदूरों को रखे, आप तकनीक का इस्तेमाल करके ब्लू कॉलर वर्कर को सशक्त बनाते हैं, तो मुझे लगता है कि वे बेहतर प्रदर्शन करेंगे। उन्हें ज्यादा मजदूरी मिलेगी और पूरे देश की स्थिति बेहतर होगी।’





