अमेरिकी टेक कंपनियां गुल्लक नहीं… डिजिटल कानून बनाने वाले देशों पर भड़के ट्रंप, टैरिफ लगाने की दी धमकी, निशाने पर कौन?

वॉशिंगटन: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सोमवार को उन देशों के खिलाफ और अधिक टैरिफ लगाने और निर्यात प्रतिबंध की धमकी दी है, जो अमेरिकी टेक कंपनियों को निशाना बना रहे हैं। ट्रंप ने डिजिटल टैक्स की आलोचना की। उन्होंने इन देशों पर अमेरिकी तकनीक को नुकसान पहुंचाने या उसके साथ भेदभाव करने के लिए अमेरिकी टेक कंपनियों पर ऐसे कर लगाने का आरोप लगाया। साथ ही यह भी कहा कि चीनी कंपनियों को पूरी छूट दी जा रही है।

ट्रंप ने अपने ट्रुथ सोशल प्लेटफॉर्म पर लिखा कि डिजिटल टैक्स, डिजिटल सेवा कानून और डिजिटल बाजार विनियमन सभी अमेरिकी प्रौद्योगिकी को नुकसान पहुंचाने या उसके साथ भेदभाव करने के लिए बनाए गए हैं। उन्होंने आगे लिखा, ‘मैं डिजिटल कर, कानून, नियम या विनियमन वाले सभी देशों को सूचिता करता हूं कि जब तक इन भेदभावपूर्ण कार्रवाई को हटाया नहीं जाता। मैं अमेरिका के राष्ट्रपति के रूप में, उस देश के अमेरिका को निर्यात पर पर्याप्त अतिरिक्त टैरिफ लगाऊंगा और हमारी अत्यधिक संरक्षित टेक्नोलॉजी और चिप्स पर निर्यात प्रतिबंध लगाऊंगा।’

ट्रंप के निशाने पर कौन?

हालांकि, ट्रंप ने किसी देश का नाम नहीं लिया लेकिन ऐसा लगता है कि उनकी टिप्पणी यूरोपीय और उन दूसरे देशों को निशाना बनाकर की गई है, जिन्होंने ऑनलाइन दुनिया को नियंत्रित करने वाले कानून बनाए हैं। उदाहरण के लिए यूरोपीय संघ में डिजिटल मार्केट एक्ट और डिजिटिल सर्विस एक्ट जैसे नियम हैं, जो प्रतिस्पर्था और सामग्री मॉडरेशन को कवर करते हैं। ब्रिटेन में भी डिजिटल कंपनियों पर नियम लागू हैं।

‘अमेरिकी कंपनियां गुल्लक नहीं’

ट्रंप ने लिखा, ‘अमेरिका और अमेरिकी टेक कंपनियां अब न तो दुनिया की गुल्लक हैं और न ही दरवाजे की चटाई।’ बीते जून में ट्रंप ने कनाडा के नियोजित डिजिटल सर्विस टैक्स के विरोध में ओटावा के साथ व्यापार वार्ता कर दी थी। इसके तुरंत बाद कनाडा ने कहा कि वह अमेरिकी तकनीकी फर्मों पर पड़ने वाले टैक्स को वापस ले लेगा।

अमेरिकी कंपनियों से टैक्स हटाने की कोशिश

हाल ही में एक सप्ताह पहले अमेरिका और यूरोपीय संघ के बीच इस बात पर सहमति बनी थी कि वे अनुचित व्यापार बाधाओं को दूर करेंगे और इलेक्ट्रॉनिक ट्रांसमिशन पर आयात सीमा शुल्क नहीं लगाएंगे। 27 सदस्य देशों वाले यूरोपीय संघ ने कहा कि वह नेटवर्क उपयोग शुल्क नहीं लेगा। ट्रंप लंबे समय से अमेरिकी व्यापारिक साझेदारों पर इन करों को हटाने के लिए दबाव डाल रहे हैं। ये कर मुख्य रूप से दुनिया की सबसे बड़ी टेक कंपनियों- मेटा, अल्फाबेट और अमेजन- पर लागू होते हैं। यह सभी अमेरिकी कंपनियां हैं।


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