थाईलैंड में डूबे अंकित की बहन बोली-भाई तैरना जानता था:एक साथी ने मोबाइल का पासवर्ड क्यों मांगा; पिता ने की सही जांच कराने की मांग

भोपाल के अंकित साहू की थाईलैंड के समुद्र में डूबने से मौत हो गई। वे मेडिकल कंपनी बीएल लाइफ साइंस में काम करते थे। 23 अक्टूबर को कंपनी के कर्मचारियों के साथ टूर पर थाईलैंड गए थे।

27 अक्टूबर को अंकित के एक साथी ने परिवार को फोन पर सूचना दी कि अंकित समुद्र में डूब गए। उनके फेफड़ों में पानी भर गया। कुछ देर बाद बताया कि अंकित की मौत हो चुकी है। अंकित की अचानक हुई मौत के बाद परिवार को साजिश की आशंका नजर आ रही है। बहन आयुषी ने कहा कि भाई तैरना जानता था। जबकि मौत डूबने से हुई तो उनके एक साथी ने मोबाइल का पासवर्ड क्यों मांगा था? दूसरी ओर, पिता रोते हुए बार-बार कह रहे हैं कि अब मेरी पोती और परिवार को कौन संभालेगा। जैसे-तैसे पाल-पोस कर बड़ा किया था। हे भगवान, ये क्या हो गया?

जिस दिन वापस आना था उसी दिन डूबे अंकित की बहन आयुषी ने बताया कि भैया 23 अक्टूबर को यहां से निकले थे। 5 दिन बाद उनके वापस आने का प्रोग्राम था। जिस दिन वो वापस आने वाले थे उस दिन 12 बजे तक उनसे हमारी बात हुई।

3 बजे हमारे पास कॉल आता है कि भैया के फेफड़ों में पानी भर गया है। वे आईसीयू में एडमिट हैं। हमने सोचा कि फेफड़ों में पानी है तो निकल जाएगा। फिर आधे-एक घंटे बाद ये डिक्लेयर कर दिया कि अब वो नहीं रहे।

पासवर्ड के पैटर्न का वीडियो ड्रॉ कराया अंकित की बहन आयुषी ने बताया कि सबसे पहले उन्होंने (भैया के साथ गए कलीग ने) भाभी से मोबाइल का पासवर्ड मांगा। उनको पासवर्ड मांगने की क्या जरूरत थी? ये हमें समझ में नहीं आया। क्योंकि, उनके पास भाभी का नंबर पहले से था।

हमारी भाभी से उन्होंने पासवर्ड के पैटर्न का वीडियो ड्रॉ करवाकर लिया। हमें नहीं पता हमारे भाई के साथ क्या हुआ? वो लोग जो बता रहे हैं हमें भी वही पता है कि उन्होंने यह-यह बताया।

सवाल- पासवर्ड किसने मांगा था? आयुषी- जो उनके साथ उनके कलीग संतोष निकेश ये लोग थे। जब भैया के साथ ये हुआ तब निकेश नाम का लड़का उनके साथ था।

सवाल- आप सरकार से क्या चाहती हैं? आयुषी- हम सरकार से पूरा सहयोग चाहते हैं। भैया पर मेरी मां, पापा, भाभी, छोटे भाई, बुआ और मेरी ढाई साल की भतीजी सब लोग डिपेंडेंट थे। हमारा पूरा परिवार खत्म हो चुका है। हम लोगों के लिए हर दिन रोने वाला दिन है।

सवाल- आप लोग उनके साथियों से जब पूछते हैं तो वे क्या जवाब दे रहे हैं? आयुषी- हम पहले चाहते थे कि हमारे भैया की बॉडी आ जाए।

सवाल- क्या बॉडी आने में कोई दिक्कत आ रही थी? आयुषी- उन्होंने सबसे पहले तो हमें बोला कि पोस्टमॉर्टम कराने की कोई जरूरत नहीं हैं। आप ऐसे ही बुला लीजिए। लेकिन, हमने अपने फूफा जी जो डॉक्टर हैं उनसे सलाह ली तो उन्होंने कहा कि अटॉप्सी किए बिना मत बुलाना। हमने अटॉप्सी का बोला इसलिए थोड़ा टाइम लग गया। इसलिए अटॉप्सी हो रही है।

सवाल- पार्थिव देह कब भोपाल पहुंचेगी? आयुषी- रविवार को बॉडी भोपाल पहुंचेगी ऐसा बताया है। इस बीच पिता ने कहा कि निकेश नाम का लड़का तो उस दिन के बाद से कॉन्टैक्ट में ही नहीं रहा।

स्विमिंग आती थी, वहां सिर्फ घुटनों तक पानी था आयुषी ने बताया कि थाइलैंड में रेडिसन होटल के सामने एक बीच है। वहां वे लोग गए थे। वे जिस होटल में रुके थे, वहां से उन्होंने चेक आउट कर दिया था। उनकी 5 बजे की आने की फ्लाइट थी। 3 बजे संतोष का कॉल आया था कि ऐसा हो गया है। हमें बताया गया कि वहां पानी सिर्फ घुटनों तक भरा था। और मेरे भैया 6 फीट लंबे थे।

भैया के ग्रुप में 2 फैमिली गई थीं और दो बैचलर गए थे। एक भैया थे और एक निकेश थे। भैया को स्विमिंग आती थी।

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