मौसम के करवट लेते ही प्रवासी पक्षियों को रास आने लगी दिल्ली

नई दिल्ली.

राजधानी में मौसम के करवट लेने के साथ ही हजारों मीलों का सफर तय कर प्रवासी पक्षी दिल्ली पहुंचने लगे हैं। दिल्ली की फिजा इनको रास आने लगी है। इनका आगमन शुरू हो गया है। विदेशी परिंदें मुख्य रूप से साइबेरिया, मध्य एशिया, यूरोप, न्यूजीलैंड व चीन से सफर तय कर यहां आते हैं। ऐसे में यह प्रवासी पक्षी ठंड शुरू होते ही खाने की तलाश में उड़ान भरते हैं। इससे यह पक्षी अपने प्रजनन भूमि को छोड़कर विभिन्न देश के अलग-अलग राज्यों में स्थित झील, नदी, नहर के पास पनाह लेते हैं। बदलते मौसम को देखते हुए इस वर्ष यूरेसियन कूट देरी से आए हैं। इन्होंने इस बार 21 अक्तूबर को दस्तक दी है, जबकि वर्ष 2022 में यह 15 अक्तूबर, 2021 में 19 अक्तूबर को यहां पहुंचे थे। वहीं, ब्लैक रेड स्टार्ट प्रजाति के पक्षियों ने 12 अक्तूबर को दस्तक दी, वहीं यह वर्ष 2022 को 5 अक्तूबर और वर्ष 2021 में यह दो अक्तूबर को यहां पहुंचे थे।

अभी इनका है बेसब्री से इंतजार
पक्षी प्रेमियों व पर्यावरणविदों को अभी भी बायोडायवर्सिटी पार्क में कई प्रजातियों के पक्षियों के आने का बेसब्री से इंतजार है। इनमें मुख्य रूप से फेरुजिनस डक, यूरेसियन विगन, कॉमन पोचार्ड, नॉर्दन पिनटेल, रेड क्रेस्टेड पोचार्ड, वरडिटर फ्लाईकैचर, पैराडाइस फ्लाईकैचर जैसे पक्षियों के आगमन होना बाकी है। यह उच्च हिमालय क्षेत्र से आते हैं। विशेषज्ञों को उम्मीद है कि यह परिंदे नवंबर माह के आखिरी दिनों व दिसंबर में आ सकते हैं। यह विदेशी मेहमान हजारों मीलों का सफर तय कर दिल्ली पहुंचते हैं। विशेषज्ञों के मुताबिक इन सब प्रजातियों का अपना सेंट्रल माइग्रेटी रूट होता है। जिसे सेंट्रल फ्लाई-वे रूट कहते हैं। यह साइबेरिया से अफगानिस्तान, पाकिस्तान से होते हुए राजस्थान के रास्ते दिल्ली में प्रवेश करते हैं। विशेषज्ञ कहते हैं कि यह परिंदे लंबी दूरी की उड़ान भरते हैं। ऐसे में कहीं वर्षा व झील और तालाब मिलता है, तो यह कुछ दिन वहीं रुक जाते हैं। वहीं, हजारों मील उड़ान भरने के बाद जिस इलाकों में उन्हें अनुकूलित वातावरण मिलता है, सभी वहां पर रहते हैं। ये पक्षी सर्दी खत्म होने के बाद वापस अपने घर लौट जाते हैं।

प्रवासी पक्षियों की 30-35 प्रजातियां –
सर्दी के मौसम में यहां यूरोप, साइबेरिया, मध्य एशिया और चीन से प्रवासी पक्षियों की कम से कम 30-35 प्रजातियां यहां आती हैं। अभी प्रवासी पक्षी पूरी संख्या में दिल्ली नहीं पहुंची है। यहां जलीय व स्थलीय दोनों ही तरह के पक्षी हर साल प्रवास करने आते हैं। यमुना का किनारा इनके प्रवास का प्रमुख केंद्र है। हालांकि, इस दौरान कोई भी प्रवासी पक्षी भारत में प्रजनन नहीं करता, क्योंकि इन्हें यहां पर अनुकूल वातावरण नहीं मिलता है।
– डॉ. फैयाज खुदसर, पर्यावरणविद एवं प्रभारी वैज्ञानिक, यमुना बायोडायवर्सिटी पार्क

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button