बांग्लादेश के NSA खलिलुर रहमान आएंगे भारत, अजीत डोभाल से मुलाकात, अमेरिका पर शेख हसीना ने क्यों लिया U Turn?

ढाका/नई दिल्ली: बांग्लादेश के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) खलीलुर रहमान 19 नवंबर को भारत दौरे पर आ रहे हैं। उनका नई दिल्ली की दो दिवसीय यात्रा ऐसे समय में हो रही है जब पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना ने पश्चिमी और भारतीय मीडिया को दिए कई इंटरव्यू में अमेरिका पर बोलने से परहेज किया है। पिछले हफ्ते शेख हसीना ने कई इंटरव्यू दिए हैं, जिसमें उन्होंने पिछले साल अगस्त में अपनी सरकार के खिलाफ हुए हिंसक प्रदर्शन के लिए अमेरिका को जिम्मेदार ठहराने से परहेज किया है। इसीलिए सवाल ये है कि क्या शेख हसीना अमेरिका को लेकर यूटर्न ले रही हैं?

रिपोर्ट के मुताबिक, खलीलुर रहमान, कथित तौर पर एनएसए अजीत डोभाल के निमंत्रण पर 19 और 20 नवंबर को होने वाले कोलंबो सुरक्षा सम्मेलन की सातवीं बैठक में भाग लेने के लिए भारतीय राजधानी दिल्ली आ रहे हैं। उनके अजीत डोभाल से मिलने की उम्मीद है। आखिरी बार बांग्लादेश के NSA के अजीत डोभाल की मुलाकात 4 अप्रैल को चौथे बिम्सटेक शिखर सम्मेलन के दौरान बैंकॉक में हुई थी। खलीलुर रहमान के साथ एक अन्य बांग्लादेशी अधिकारी भी होंगे, जिनकी पहचान अभी तक ज्ञात नहीं है।

बांग्लादेश के NSA का भारत दौरा
नॉर्थ ईस्ट आई की रिपोर्ट के मुताबिक बांग्लादेश के एनएसए के दिल्ली दौरे के दौरान उनकी भारत के साथ कई मुद्दों पर बात हो सकती है। इसके अलावा भारतीय अधिकारी उनसे पाकिस्तान के सैन्य अधिकारियों कि लगातार हो रही ढाका यात्रा को लेकर भारत की सुरक्षा चिंताओं से अवगत करवा सकते हैं। इसी महीने पाकिस्तानी नौसेना प्रमुख एडमिरल नवीद अशरफ और ज्वाइंट चीफ्स ऑफ स्टाफ कमेटी के अध्यक्ष जनरल साहिर शमशाद मिर्जा ने ढाका की यात्रा की है। एनएसए का पदभार ग्रहण करने के बाद से, खलीलुर रहमान कम से कम दो बार दोहा, कतर की यात्रा कर चुके हैं, इसके अलावा अमेरिका भी गए हैं जहां उन्होंने प्रमुख विदेश विभाग के अधिकारियों से मुलाकात की थी।बांग्लादेशी NSA की दिल्ली यात्रा ऐसे समय हो रही है जब 2026 में होने वाले चुनाव पर फिर आशंकाएं पैदा हो गई हैं। मोहम्मद यूनुस ने चुनाव को टालने के लिए बहानेबाजी शुरू कर दी है। मोहम्मद यूनुस ने फरवरी 2026 में चुनाव कराने का वादा किया था, लेकिन आधा नवंबर महीना गुजर जाने के बाद भी बांग्लादेशी चुनाव आयोग ने चुनाव करवाने को लेकर कोई भी तैयारी नहीं की है। बेगम खालिदा जिया की BNP पार्टी पहले ही चुनाव नहीं करवाने पर आंदोलन की चेतावनी दे चुकी है। बीएनपी जल्द से जल्द चुनाव चाहती है, लेकिन मोहम्मद यूनुस चुनाव के पक्ष में नहीं दिख रहे हैं।
अमेरिका से रिश्ते सुधारने की कोशिश में शेख हसीना?
शेख हसीना ने हालिया समय में जो भी इंटरव्यू दिया है, उसमें उन्होंने अमेरिका का नाम नहीं लिया है, उन्होंने अमेरकी ‘डीप स्टेट’ पर निशाना साधने से परहेज किया है। जिसको लेकर एक्सपर्ट्स का मानना है कि यह एक संकेत है कि शेख हसीना, वॉशिंगटन के साथ नए समीकरण बनाने की कोशिश कर रही हैं। शेख हसीना एक बार फिर से ढाका वापसी के लिए रास्ता तैयार करने की कोशिश कर रही हैं। जबकि मोहम्मद यूनुस ने शेख हसीना की अवामी लीग पर प्रतिबंध लगा दिया है। लेकिन पार्टी के नेता अब नये सिरे से लामबंद होने लगे हैं। इसीलिए ऐसे माहौल में खालिलुर रहमान की दिल्ली यात्रा सिर्फ कूटनीतिक नहीं, बल्कि क्षेत्रीय शक्ति-समीकरणों, आंतरिक सत्ता संघर्षों और बांग्लादेश में होने वाले संभावित परिवर्तन के लिए काफी अहम माना जा रहा है।

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