बांग्लादेश ने सबसे बड़े दुश्मन के लिए बिछाया रेड कार्पेट, 13 साल बाद ढाका में होंगे पाकिस्तान के विदेश मंत्री, भारत के लिए खतरा

ढाका: बांग्लादेश की अंतरिम सरकार को मुखिया मोहम्मद यूनुस ने विदेश नीति में 180 डिग्री का टर्न लेते हुए देश के दरवाजे पाकिस्तान के लिए खोल दिए हैं। पाकिस्तान के विदेश मंत्री इशाक डार 23 अगस्त को ढाका के दौरे पर पहुंच रहे हैं, जो वर्षों में बांग्लादेश में पाकिस्तान के सर्वोच्च स्तर के मेहमान हैं। इस यात्रा का उद्येश्य 1971 के मुक्ति संग्राम की कड़वी यादों के बाद से दोनों देशों के तनावपूर्ण संबंधों को सुधारना है। इसके पहले शनिवार को पाकिस्तान के वाणिज्य मंत्री जाम कमाल खान प्रतिनिधिमंडल के साथ ढाका पहुंचे।

बांग्लादेश की कट्टरपंथी इस्लामिक पार्टियां जहां पाकिस्तान के साथ रिश्ते को इस्लाम के नाम पर बढ़ाने के लिए जोर देती हैं, वहीं देश में अभी भी वो लोग मौजूद हैं जिनके जेहन में 1971 के मुक्ति संग्राम के दौरान पाकिस्तानी सेना के अत्याचार की यादें जिंदा हैं। 79 वर्षीय स्वतंत्रता सेनानी सैयद अबू नासिर बख्तियार अहमद उन्हीं लोगों में हैं। वे ढाका और इस्लामाबाद के बीच सुधरते रिश्तों को सतर्कता के साथ देखते हैं।

बांग्लादेश में आज भी 1971 की टीस

अहदम ने समाचार एजेंसी एएफपी से 1971 के युद्ध के बारे में बात करते हुए कहा, वो असीम क्रूरता थी, जिसके बाद पूर्वी पाकिस्तान अलग होकर बांग्लादेश बना। इस मुक्ति संग्राम में लाखों लोग मारे गए और पाकिस्तान सेना पर व्यापक अत्याचार का आरोप लगाया, जिनमें महिलाओं की अस्मत लूटना जैसा घिनौना कृत्य भी शामिल है।

अहमद ने एएफपी को बताया कि ‘मुझे जिम्मेदार लोगों पर मुकदमा चलते देखना अच्छा लगता, जिन्होंने मेरे 6 दोस्तों की हत्या की।’ उन्होंने कहा, ‘मुझे उन लोगों के साथ संबंध सामान्य करने में कोई आपत्ति नहीं है, जिन्होंने युद्ध का विरोध किया था। या जो सीधे तौर पर किए गए गए अत्याचारों में शामिल नहीं थे।’
1971 की टीस आज भी बांग्लादेश के लोगों के मन में बनी हुई है। यही वजह है कि दोनों मुस्लिम बहुल देशों के बीच संपर्क लंबे समय तक बहुत हद तक सीमित था। पाकिस्तान के बजाय बांग्लादेश ने भारत से दोस्ती को चुना, जिसने उसकी आजादी में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। यही नहीं, भारत की भौगोलिक स्थित बांग्लादेश के चारों तरफ एक घेरा बनाती है।

भारत की होगी इस यात्रा पर नजर

विश्लेषकों का कहना है कि पाकिस्तान और बांग्लादेश की बढ़ती नजदीकी पर भारत कड़ी नजर रखेगा। अमेरिकी विश्लेषक माइकल कुगेलमैन ने कहा, बांग्लादेश अपने पड़ोस में भारत का सबसे करीबी साझेदार रहा है और अब वह भारत के सबसे बड़े दुश्मन के साथ दोस्ती का हाथ बढ़ा रहा है। आखिरी बार किसी पाकिस्तानी मंत्री ने 2012 में ढाका का दौरा किया था।

न्यूयॉर्क स्थित अंतरराष्ट्रीय संबंध विशेषज्ञ अजीम खालिद ने एएफपी को बताया, यह एक नए रणनीतिक समीकरण का उदय है- जो भारतीय प्रभाव को कम करता है। इसके साथ ही यह पाकिस्तान और बांग्लादेश के बीच एक सहयोगी धुरी को मजबूत करता है। उन्होंने कहा कि अगर यह विकास जारी रहा, तो इसमें दक्षिण एशिया की भू-राजनीतिक और आर्थिक व्यवस्था को नया रूप देने की क्षमता है।


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