बराक मिसाइल, जेट, हमलावर ड्रोन… यूरोप ने इजरायल से की दगाबाजी तो सच्चे दोस्त के साथ खड़ा हुआ भारत, बना रहे रहस्यमय हथियार

तेल अवीव/नई दिल्ली: यूरोप के कई देशों ने इजरायल का बहिष्कार करते हुए उससे साथ रक्षा समझौते खत्म करने शुरू कर दिए हैं। यूरोपीय देशों ने एक के बाद एक या तो इजरायल से हथियारों की खरीददारी रद्द करनी शुरू कर दी है, या इजरायल की रक्षा कंपनियों से रक्षा और एयरोस्पेस प्रदर्शनी से बाहर का रास्ता दिखाना शुरू कर दिया है। इन सबके बीच भारत और इजरायल के बीच काफी तेजी से डिफेंस पार्टनरशिप बढ़ी है और साथ मिलकर कई तरह के एडवांस टेक्नोलॉजी वाले हथियार तैयार कर रहे हैं। इजरायल की टेक्नोलॉजी की मदद से भारत कई घातक हथियारों का ज्वाइंट प्रोडक्शन कर रहा है।
स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट यानि SIPRI ने ग्लोबल आर्म्स ट्रांसफर डेटाबेस की रिपोर्ट्स के संकलन के आधार पर अपनी रिपोर्ट में दावा किया है कि इजरायल 2020-2024 के दौरान पहले से ही दुनिया का आठवां सबसे बड़ा हथियार निर्यातक था, जिसकी वैश्विक प्रमुख हथियार निर्यात में 3.1% हिस्सेदारी थी। लेकिन इजरायल और इजरायली रक्षा कंपनियों के बहिष्कार के आह्वान के बावजूद, तेल अवीव ने 2024 में किसी भी अन्य वर्ष की तुलना में ज्यादा हथियार बेचे हैं। इजरायली रक्षा मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक साल 2024 में, इजरायल का रक्षा निर्यात रिकॉर्ड 14.8 बिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुंच गया, जिसने 2023 के 13 बिलियन अमेरिकी डॉलर के पिछले उच्च स्तर को तोड़ दिया है।
साल 2024 में इजरायल ने जितना हथियार बेचा था उसका 54 प्रतिशत हिस्सा यूरोपीय देशों ने खरीदा था। इजरायली हथियारों की टेक्नोलॉजी काफी एडवांस होती है। लेकिन गाजा युद्ध में जारी विनाशक तबाही को देखते हुए कई यूरोपीय देशों ने इजरायल के साथ डिफेंस समझौते खत्म कर दिए हैं।
- स्पेन ने इजरायल के साथ 325 मिलियन अमेरिकी डॉलर के एंटी-टैंक मिसाइल, गोला-बारूद के सौदे को रद्द किया
- स्लोवेनिया ने इजरायल के साथ हथियार व्यापार पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया
- जर्मनी ने गाजा युद्ध को आधार बनाकर इजरायल से हथियारो आपूर्ति रोकी
- इजरायल की रक्षा कंपनियों को पेरिस एयर शो, NEDS (नीदरलैंड्स) और अबू धाबी के IDEX जैसे डिफेंस प्रदर्शनी से बाहर किया गया
इसके बावजूद, भारत और इजरायल ने चुपचाप अपनी रक्षा साझेदारी को और मजबूत करना शुरू कर दिया है। SIPRI मे आंकड़ों का हवाला देते हुए कहा है कि साल 2020–24 के दौरान इजरायल की 34% हथियार निर्यात भारत को ही गए हैं, जिससे भारत अब इजरायल का सबसे बड़ा बाजार बन गया है। ऐसे समय में जब यूरोप का दरवाजा बंद हो रहा है, नई दिल्ली ने अपने बाजार का दरवाजा इजरायल के लिए खोलकर उसे बहुत बड़ा लाइफलाइन दिया है। इस बीच एएनआई की रिपोर्ट में कहा गया है कि जिसे हेरॉन ड्रोन से भारतीय वायुसेना ने लाहौर में पाकिस्तानी के चीनी रडार को ध्वस्त किया था, उसे ज्यादा संख्या में इजरायल से खरीदने का फैसला लिया गया है। इस ड्रोन ने शानदार प्रदर्शन किया था। नया हेरॉन ड्रोन हवा से लॉन्च की जाने वाली स्पाइक एंटी-टैंक गाइडेड मिसाइलों से लैस होगा।