शिमला जैसा ठंडा भोपाल, मसूरी से ज्यादा सर्द इंदौर:14 जिलों में सीवियर कोल्ड वेव का अलर्ट

मध्यप्रदेश के पूर्वी हिस्से यानी, जबलपुर, सागर, रीवा और शहडोल संभाग के जिलों में अब ठंड असर दिखाने लगी है। पूर्वी हिस्से में सीजन में पहली बार कई शहरों में पारा 10 डिग्री से नीचे चला गया। सोमवार-मंगलवार की रात जबलपुर में सीजन की सबसे सर्द रात दर्ज की गई। यहां तापमान 9.7 डिग्री रहा। राजगढ़ प्रदेश में सबसे ठंडा रहा।

मंगलवार को भोपाल, इंदौर समेत 14 जिलों में कोल्ड वेव का अलर्ट है। मौसम विभाग के अनुसार, पहाड़ी राज्य जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में बर्फबारी हो रही है। इसका असर मध्य प्रदेश में भी है। खासकर प्रदेश का उत्तरी हिस्सा ठिठुर रहा है। इस कारण नवंबर में ही पारा रिकॉर्ड लुढ़का है।

मौसम वैज्ञानिक अरुण शर्मा ने बताया- एमपी के उत्तरी हिस्से में एक वेस्टर्न डिस्टरबेंस (पश्चिमी विक्षोभ) सक्रिय है। इस वजह से उत्तरी हवाएं मध्य प्रदेश में आ रही हैं। इस वजह से ठंड का असर बढ़ा है। मंगलवार को भोपाल, इंदौर और राजगढ़ में तीव्र शीतलहर और शाजापुर, सीहोर, देवास, बैतूल, नर्मदापुरम, छिंदवाड़ा, मंडला, रीवा, मऊगंज, मैहर, शहडोल में शीतलहर चलेगी। वहीं, बालाघाट में भी पारे में खासी गिरावट देखने को मिलेगी।

एमपी के शहरों में शिमला जैसी ठंड रविवार को बड़े शहरों में भोपाल में तापमान 8.8 डिग्री, इंदौर में 7.9 डिग्री, ग्वालियर में 10.5 डिग्री, उज्जैन में 11 डिग्री और जबलपुर में पारा 10.2 डिग्री सेल्सियस रहा। मौसम विभाग के अनुसार, रविवार-सोमवार की रात में ही शिमला में पारा 8.8 डिग्री दर्ज किया गया। यानी, जितना शिमला में रात का तापमान था, उतना भोपाल में भी रहा। वहीं, इंदौर में पारा 7.9 डिग्री सेल्सियस पहुंच गया। इस हिसाब से देहरादून (11.7 डिग्री), मसूरी (8.6 डिग्री) और शिमला (8.8 डिग्री) इंदौर से पीछे रहे।

इस बार ज्यादा दिन तक पड़ेगी तेज सर्दी मौसम विशेषज्ञ पीके शाह ने बताया- पहाड़ों की बर्फबारी का असर मध्य प्रदेश में देखने को मिल रहा है। इस वजह से ही पारे में खासी गिरावट हुई है। आम तौर पर प्रदेश में तेज सर्दी का असर नवंबर के दूसरे पखवाड़े से शुरू होता है, जो जनवरी के आखिरी तक रहता है, लेकिन इस बार हिमालय क्षेत्र में वेस्टर्न डिस्टरबेंस (पश्चिमी विक्षोभ) एक सप्ताह पहले ही एक्टिव हो गए। इस वजह से नवंबर के दूसरे सप्ताह से ही कड़ाके की ठंड का दौर शुरू हो गया।

यदि वेस्टर्न डिस्टरबेंस ऐसे ही एक्टिव रहते हैं तो प्रदेश में तेज सर्दी 75 दिन की बजाय 80 से 85 दिन तक रह सकती है।

इस बार 25 साल का रिकॉर्ड टूटा नवंबर के दूसरे ही सप्ताह में कड़ाके की ठंड से कई शहरों में रिकॉर्ड टूट गए हैं। राजधानी भोपाल में नवंबर का पिछले 10 साल का रिकॉर्ड टूट गया। यहां न्यूनतम तापमान 8 डिग्री पहुंच चुका है, जो साल 2015 के बाद सबसे कम है। इंदौर में पारा 7 डिग्री तक जा चुका है। इंदौर में पिछले 25 साल में नवंबर में इतनी सर्दी कभी नहीं पड़ी। यहां नवंबर की ठंड का ओवरऑल रिकॉर्ड 1938 का है, जब पारा 5.6 डिग्री पर पहुंचा था।

दिन में भी ठंडक, पारा लुढ़का रात के अलावा दिन में भी ठंडक घुलने लगी है। सोमवार को ज्यादातर शहरों में पारा 28 डिग्री सेल्सियस से नीचे ही रहा। मौसम विशेषज्ञ शाह ने बताया कि दिन में धूप निकलने से पारा बढ़ा है। धूप न निकलने की स्थिति में दिन के तापमान में भी गिरावट दर्ज हो सकती है।

नवंबर में तेज ठंड का ट्रेंड प्रदेश में नवंबर में पिछले 10 साल से ठंड के साथ बारिश का ट्रेंड भी है। इस बार भी ऐसा ही मौसम रहेगा। वहीं, बारिश के लिहाज से अक्टूबर का महीना उम्मीदों पर खरा उतरा है। औसत 2.8 इंच पानी गिर गया, जो सामान्य 1.3 इंच से 121% ज्यादा है।

भोपाल में 30 अक्टूबर को दिन का तापमान 24 डिग्री सेल्सियस रहा। मौसम विभाग के रिकॉर्ड के अनुसार, पिछले 25 साल में अक्टूबर का यह सबसे ठंडा दिन था। उज्जैन, छतरपुर, नरसिंहपुर समेत कई शहरों में पारा 24 डिग्री के नीचे ही रहा।

नवंबर में ऐसा रहेगा मौसम मौसम विभाग ने अनुमान लगाया था कि नवंबर के दूसरे सप्ताह में ठंड का असर बढ़ेगा। हुआ भी वैसा ही। पारे में खासी गिरावट देखने को मिल रही है। खासकर ग्वालियर-चंबल संभाग के जिलों में, जहां उत्तरी हवाएं सीधी आती हैं, वहां तापमान लुढ़केगा। ग्वालियर में 56 साल पहले नवंबर में रात का टेम्प्रेचर रिकॉर्ड 3 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच चुका है।

उज्जैन में 52 साल पहले न्यूनतम पारा रिकॉर्ड 2.3 डिग्री तक जा चुका है। भोपाल, इंदौर, जबलपुर में इस महीने बारिश का ट्रेंड है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button