भोपाल नगर निगम:पार्षदों की मांग पर 3 बड़े बदलाव, अपर आयुक्तों को वापस 50 लाख के पावर

लोगों के काम जल्द से जल्द करने और कागजी प्रक्रिया को कम करने के लिए नगर निगम में गुरुवार से तीन बड़े प्रशासनिक बदलाव किए गए हैं। पहला, अपर आयुक्तों के अधिकार को बढ़ाकर फिर से 50 लाख रुपए कर दिया गया है। उनके अधिकारों में कटौती तत्कालीन कमिश्नर हरेंद्र नारायण ने की थी।
दैनिक भास्कर ने इस खबर को ब्रेक किया था। इसके बाद पिछली परिषद की बैठक में पार्षदों, एमआईसी सदस्यों और महापौर ने अपर आयुक्तों को दोबारा अधिकार वापस करने की अनुशंसा की थी। वर्क ऑर्डर की प्रक्रिया 3 माह की जगह 20 दिन में पूरी हो जाएगी। तीसरा बदलाव यह है कि सभी अपर आयुक्त अपनी विधानसभा में कमिश्नर की तरह काम करेंगे।
5 लाख कर दी थी अपर आयुक्तों की सीमा
पहले मुख्यालय स्तर पर 50 लाख रुपए तक के काम की स्वीकृति अपर आयुक्त जारी करते थे। तत्कालीन कमिश्नर हरेंद्र नारायण ने इसे 5 लाख कर दिया था। इससे अधिक कीमत के सभी कार्यों के लिए कमिश्नर की मंजूरी जरूरी कर दी गई थी। अब फिर 50 लाख तक के अधिकार दे दिए गए हैं।
विधानसभा क्षेत्रों में शिकायतें दूर कर सकेंगे अपर आयुक्त अपनी विधानसभा में कमिश्नर की तरह काम करेंगे। वह विधानसभा में आने वाले जोन में साफ-सफाई, विकास कार्य और अन्य शिकायतों का निराकरण करेंगे। बहुत जरूरी होने या अपर आयुक्त के स्तर पर शिकायत का निवारण नहीं होने पर मामला कमिश्नर तक भेजा जाएगा।
टेंडर प्रक्रिया को सरल किया
टेक्निकल बिड खुलने के बाद उसे तकनीकी समिति से अपर आयुक्त वित्त को भेजा जाता था। पास होने के बाद फाइनेंशियल बिड खोली जाती थी। अपर आयुक्त उसे पास करते थे। इसके बाद फिर वहां से दो अलग-अलग फाइलें कमिश्नर को जाती थीं। फिर वर्क ऑर्डर जारी होते थे। इसमें 3 महीने से ज्यादा समय लग जाता था। अब दोनों बिड एक साथ खोली जाएंगी। समिति अपना संकल्प लगाकर फाइल कमिश्नर को भेज देगी। अधिकतम 20 दिन में पूरा किया जाएगा।
भूमि पूजन नहीं होने से रुकते हैं कार्य
भोपाल में वर्क ऑर्डर होने के बाद भी काम समय पर शुरू नहीं होने का एक प्रमुख कारण भूमि पूजन आदि नहीं होना है। इसके अलावा टेंडर प्रक्रिया के कारण भी वर्क ऑर्डर होने में देरी होती है। कमिश्नर ने अधिकारियों को सभी कामों की लिस्टिंग करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने सड़कों की जानकारी जीयो टैग के साथ जल्द से जल्द बनाने के निर्देश दिए।





