भोपाल की सुधरी लेकिन इंदौर सहित 29 जिला मुख्यालयों में हवा की गुणवत्ता बिगड़ी

भोपाल। हमारी सांसों को चलाने वाली हवा की गुणवत्ता बिगड़ रही है। मध्य प्रदेश के 55 जिला मुख्यालयों में से 29 में इसकी गुणवत्ता खराब हुई है। हालांकि 26 जगह सुधार भी हुआ है। बड़े शहरों में भोपाल, जबलपुर और ग्वालियर का वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) सुधरा है तो इंदौर का खराब हुआ है।यह जानकारी मध्य प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण मंडल (पीसीबी) के वार्षिक प्रतिवेदन में सामने आई है जो हाल ही में विधानसभा में प्रस्तुत किया गया था। प्रतिवेदन में वर्ष 2023-24 के मुकाबले वर्ष 2024-25 के औसत एक्यूआई की तुलना की गई है। इंदौर का एक्यूआई 113 से 114 हो गया है।


एक्यूआई पता करने के लिए प्रत्येक जिला मुख्यालय में एयर क्वालिटी मॉनिटरिंग स्टेशन स्थापित किए जाते हैं। इनमें लगे सेंसर से अलग-अलग प्रदूषकों के विश्लेषण से एक्यूआई निकलता है, जिसे शहर के प्रमुख स्थानों पर प्रदर्शित किया जाता है। एक्यूआई जितना अधिक होता है हवा की गुणवत्ता उतनी ही खराब मानी जाती है।

एक्यूआई संतोषजनक नहीं

कई जिला मुख्यालयों का वर्ष 2024-25 का औसत एक्यूआई अच्छा तो दूर संतोषजनक भी नहीं रहा। सर्वाधिक एक्यूआई सिंगरौली का 154 रहा। औद्योगिक गतिविधियां, कोयला आधारित प्लांट, मौसम जिससे धूल के कण ऊपर नहीं जा पाते और वाहनों की अधिक संख्या इसकी मुख्य वजह है।

ग्वालियर का एक्यूआई पिछले साल की तुलना में घटकर भी 130 रहा। कारण, सड़कों पर धूल के कारण इसके बड़े कणों से पीएम 10 का स्तर अधिक रहता है। निर्माण कार्यों के चलते भी धूल अधिक रहती है। वाहन प्रदूषण, खुले में कचरा जलाने, कोहरा अधिक होने के कारण ठंड के मौसम में धूल के कण निचले स्तर पर ही रह जाने से यहां की गुणवत्ता बिगड़ती है।

रिपोर्ट के अनुसार नर्मदापुरम, रतलाम, इंदौर, भोपाल, धार और हरदा का एक्यूआई 100 से ऊपर यानी संतोषजनक नहीं रहा। बता दें, एक्यूआई धूल के कण पीएम (पर्टिकुलेट मैटर) 10, पीएम 2.5, नाइट्रोजन डाई ऑक्साइड गैस, सल्फर डाई ऑक्साइड गैस, धुएं से निकलने वाली कार्बन मोनो ऑक्साइड और ओजोन के स्तर से निकाला जाता है।

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