ब्रिटेन, फ्रांस अब नहीं रहे ईसाईयों का देश, 10 साल में कैसे बदली दुनिया की डेमोग्राफी, रिपोर्ट में खुलासा, जानें मुस्लिम देशों की संख्या

वॉशिंगटन: दुनिया की बदलती डेमोग्राफी अब वैश्विक चिंता की वजह बन रही है। भारत में भी इस पर आए दिन राजनीति होती रहती है। इन सबके बीच प्रतिष्ठित प्यू रिसर्च सेंटर की एक नई रिपोर्ट में ईसाई देशों की घटती संख्या के बारे में बड़ा खुलासा हुआ है। प्यू रिसर्च सेंटर की रिपोर्ट बताती है कि 10 सालों में ईसाई बहुल देशों की संख्या में गिरावट आई है। रिसर्च डेटा से पता चलता है कि 2010 से 2020 के बीच ईसाई आबादी की अधिकता वाले देशों की संख्या में 4 की कमी आई है। हालांकि, अभी भी ईसाई बहुल आबादी वाले देशों की संख्या सबसे ज्यादा है, लेकिन संख्या में गिरावट वैश्विक डेमोग्राफी में महत्वपूर्ण बदलाव दर्शाता है।
प्यू रिसर्च सेंटर ने 2020 तक किए गए विश्लेषण में पाया कि 201 देशों और क्षेत्रों में से 120 में ईसाई आबादी बहुसंख्यक बनी रही, जबकि 2010 में यह संख्या 124 थी। सर्वेक्षण किए गए सभी देशों में ईसाई बहुल देशों की हिस्सेदारी 60 प्रतिशत है, जो एक दशक पहले 62% थी। इस गिरावट का मुख्य कारण ईसाई धर्म छोड़ने वाले लोगों की बढ़ती संख्या है। प्यू रिसर्च सेंटर की रिपोर्ट के अनुसार, हाल के वर्षों में दुनिया भर में लाखों ईसाई धर्म छोड़ रहे हैं, जिसके परिणामस्वरूप पिछले दशक में कई देशों में ईसाइयों की संख्या में गिरावट आई है। इनमें से अधिकांश लोग खुद को किसी धर्म से नहीं जोड़ रहे हैं।
ब्रिटेन, फ्रांस, ऑस्ट्रेलिया में ईसाई हुए कम
सबसे महत्वपूर्ण बदलाव ब्रिटेन, ऑस्ट्रेलिया, फ्रांस और उरुग्वे जैसे देशों में देखा गया, जहां 10 साल में ईसाई आबादी बहुसंख्यक नहीं रही है। इन देशों में ईसाई धर्म के मानने वालों की संख्या 50 प्रतिशत से नीचे गिर गई। वहीं, किसी धर्म को न मानने वालों का प्रतिशत काफी बढ़ गया। 2020 में ऐसे 10 देशों की संख्या 10 है, जहां बहुसंख्यक लोग खुद को किसी भी धर्म से नहीं जोड़ रहे। 2010 में ऐसे देश सिर्फ 7 थे।
अमेरिकी महाद्वीप में उरुग्वे अकेला देश
अमेरिकी महाद्वीप में उरुग्वे एकमात्र देश है, जहां बहुसंख्यक आबादी अब ईसाई नहीं है। उरुग्वे की 52 फीसदी आबादी खुद को किसी भी धर्म से नहीं जोड़ती है, जबकि ईसाई धर्म को मानने वालों की संख्या 44 प्रतिशत है। ब्रिटेन, ऑस्ट्रेलिया और फ्रांस में किसी भी धार्मिक समूह का बहुत नहीं है। हालांकि, किसी धर्म को न मानने वाली आबादी ईसाई की संख्या के करीब या उसके अधिक हो गई, जो धर्मनिरपेक्षता के भारी रुझान को दिखाता है।
मुस्लिम देशों की संख्या में बदलाव नहीं
प्यू रिसर्च सेंटर की रिपोर्ट से पता चलता है कि एक दशक में मुस्लिम देशों की संख्या में कोई बदलाव नहीं हुआ है। साल 2020 में मुस्लिम देशों की संख्या 53 है, जो 2010 के बराबर है। इसमें केवल दो हिंदू देश हैं- भारत और नेपाल। खास बात है कि 95 प्रतिशत हिंदू आबादी भारत में रहती है। मारीशस में हिंदू सबसे बड़ा धार्मिक समूह (48%) है लेकिन बहुसंख्यक नहीं है। वैश्विक आबादी में हिंदुओं का प्रतिशत 15 है। बौद्ध धर्म के मानने वाले देशों की संख्या 2020 में भी 7 बनी हुई है। इजरायल दुनिया में एकमात्र यहूदी बहुल देश है।