CDS बोले- शांति चाहिए तो युद्ध के लिए तैयार रहें:भारत शांतिप्रिय देश लेकिन शांतिवादी नहीं

चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) अनिल चौहान ने कहा कि भले ही भारत शांतिप्रिय देश है, लेकिन हम ‘शांतिवादी’ नहीं हैं। दुश्मन गलतफहमी में न रहे। देश की सेनाएं युद्ध के लिए हमेशा तैयार हैं। सीडीएस मंगलवार को मध्यप्रदेश के महू स्थित आर्मी वॉर कॉलेज में आयोजित रण संवाद-2025 कार्यक्रम में बोल रहे थे। इस दो दिवसीय कार्यक्रम में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और तीनों सेनाओं के चीफ भी शामिल हो रहे हैं।
सीडीएस जनरल चौहान ने कहा कि शक्ति के बिना शांति एक ‘यूटोपियन’ धारणा है। जनरल चौहान ने राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर की पंक्तियां दोहराते हुए कहा, ‘क्षमा शोभती उस भुजंग को जिसके पास गरल हो, उसको क्या जो दंतहीन विषरहित, विनीत, सरल हो।’
सीडीएस ने कहा कि मैं एक लैटिन कोट कहना चाहूंगा, जिसका हिंदी अनुवाद है कि अगर आप शांति चाहते हैं तो युद्ध के लिए तैयार रहें। क्योंकि, शक्ति से ही शांति आ सकती है। ऑपरेशन सिंदूर एक न्यू एज वॉर था, जिससे हमने कई सबक सीखे। ऑपरेशन अभी जारी है।
चौहान ने आगे कहा गीता और महाभारत में युद्ध नीति के सबसे बेहतरीन उदाहरण हैं। चाणक्य की नीति ने चंद्रगुप्त को विजय दिलाई। उन्होंने कहा है शक्ति, उत्साह और युक्ति… युद्ध नीति के लिए सबसे महत्वपूर्ण हैं। शस्त्र और शास्त्र दोनों को एकसाथ फॉलो करने की जरूरत है।
ऑपरेशन सिंदूर जारी है, शस्त्र और शास्त्र एक साथ फॉलो करेंगे सीडीएस ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर अभी जारी है। ऑपरेशन सिंदूर एक आधुनिक संघर्ष था, जिससे हमने कई सबक सीखे। उनमें से ज्यादातर पर अमल चल रहा है। सीडीएस ने कहा- गीता और महाभारत में युद्ध नीति के सबसे बेहतरीन उदाहरण हैं। चाणक्य की नीति ने चंद्रगुप्त को विजय दिलाई। उन्होंने कहा है शक्ति, उत्साह और युक्ति… युद्ध नीति के लिए सबसे महत्वपूर्ण हैं। शस्त्र और शास्त्र दोनों को एकसाथ फॉलो करने की जरूरत है।
CDS ने बताया- बेहद खतरनाक होगी भविष्य की जंग जनरल चौहान ने कहा कि निकट भविष्य की जंग बेहद खतरनाक होगी, उसमें हम मिलकर (थलसेना, वायुसेना और नौसेना) ही जीत हासिल कर सकते हैं। CDS ने कहा कि हमें हर हालात में सशक्त और आत्मनिर्भर बनना है। उन्होंने साफ किया इस रण संवाद का उद्देश्य ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा करना नहीं है। हम ऑपरेशन सिंदूर के आगे क्या है उस पर चर्चा कर रहे हैं यानी ‘फ्यूचर वॉरफेयर’ कैसा होगा।