शहर में दवाओं की चेकिंग-फ्रीजिंग शुरू:2 हजार मेडिकल स्टोर्स में जानलेवा दवा की तलाश, बाजार से जब्त करेंगे

छिंदवाड़ा में किडनी फेल होने से 16 बच्चों की मौत के बाद राजधानी समेत पूरे प्रदेश के ड्रग इंस्पेक्टर्स को जांच के आदेश दिए हैं। भोपाल में 15 इंस्पेक्टर्स मेडिकल स्टोर्स में जांच के लिए पहुंचे। इस दौरान दवाओं के स्टॉक की जांच की गई। बिक्री रजिस्टर की भी जांच हो रही है।
तत्कालीन ड्रग कंट्रोलर दिनेश कुमार मौर्या ने बताया कि भोपाल में 2,000 से ज्यादा मेडिकल स्टोर्स हैं। इनकी जांच शुरू हो गई है। स्वास्थ्य विभाग के एक अधिकारी ने कहा कि सभी जगह मेडिकल स्टोर्स और कंपनी के सीएंडएफ का स्टॉक चेक किया जा रहा है। संदिग्ध सिरप को बाजार से वापस बुलाया जा रहा है। इनकी निगरानी की जा रही है। यह भी देखा जा रहा है कि 4 साल से कम उम्र के बच्चों को जरूरी दवा ही दी जाए। जबरन कोई दवा बच्चों को न दी जाए। इसके बारे में भी मेडिकल स्टोर्स के संचालकों को समझाइश दी जा रही है।
भोपाल में 15 इंस्पेक्टर्स ने मेडिकल स्टोर्स पर की जांच
दो और केमिकल को लेकर अलर्ट
राज्य सरकार ने सभी औषधि निर्माताओं, इंस्पेक्टर्स, सीएमएचओ और मेडिकल कॉलेजों के डीन को एडवाइजरी जारी की है। इसमें क्लोरफेनिरामाइन मलेट (Chlorpheniramine Maleate) और फिनाइलफ्रिन एचसीएल (Phenylephrine HCl) जैसे रसायनों के उपयोग को लेकर विशेष सावधानी बरतने के निर्देश दिए गए हैं। ये दोनों खांसी-जुकाम की दवाओं में आम तौर पर पाए जाने वाले सक्रिय तत्व हैं। यह संयोजन उपयोगी तो है, लेकिन बिना डॉक्टर की सलाह के इस्तेमाल न करें।
19 सैंपल लिए गए थे, तीन में गड़बड़ी
26 से 28 सितंबर 2025 तक छिंदवाड़ा जिले में औषधि निरीक्षकों की टीम ने औषधि विक्रय संस्थानों और अस्पतालों का संयुक्त निरीक्षण किया। इस दौरान टीम ने कुल 19 दवाओं के नमूने जांच के लिए सरकारी प्रयोगशालाओं को भेजे थे। अब इनकी रिपोर्ट आ गई है। गाइडलाइन के अनुसार कफ सिरप में अधिकतम 0.1 प्रतिशत डायएथिलीन ग्लाइकॉल की मौजूदगी स्वीकार्य है। लेकिन जांच में 3 सिरप मानक पर खरे नहीं उतरे हैं। इन सिरप से किडनी फेल और ब्रेन डैमेज होने का खतरा है।
4 साल से छोटे बच्चों को ‘कंबिनेशन मेडिसिन’ देने पर सख्ती
इधर, सोमवार को राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन, भोपाल में वरिष्ठ शिशु रोग विशेषज्ञों और इंडियन एकेडेमी ऑफ पीडियाट्रिक्स (आईएपी) के पदाधिकारियों के साथ उच्च स्तरीय बैठक हुई। बैठक में बाजार में मिल रही संयोजन औषधियों, खासकर बच्चों के लिए बिक रहे कफ सिरप के अनियंत्रित उपयोग पर गंभीर चिंता जताई गई। आईएपी के अध्यक्ष डॉ. महेश माहेश्वरी ने बताया कि उनकी संस्था ने पहले ही 4 साल से कम उम्र के बच्चों को कंबिनेशन मेडिसिन देने पर रोक लगाने का सुझाव दिया था।
केंद्र ने दिसंबर 2023 में क्लोरफेनरामीन मैलिएट+ फिनाइलएफ्रिन हाइड्रोक्लोराइड जैसी कंबिनेशन दवाओं को छोटे बच्चों के लिए प्रतिबंधित कर दिया था। अब राज्य सरकार इन दिशा-निर्देशों को और सख्ती से लागू करेगी। बैठक में उपमुख्यमंत्री राजेन्द्र शुक्ल, प्रमुख सचिव संदीप यादव, और कई शीर्ष अधिकारी मौजूद रहे।
डिप्टी सीएम शुक्ल ने कहा, सरकार यह सुनिश्चित करेगी कि दोषियों पर कड़ी कार्रवाई हो और ऐसी घटनाएं फिर न दोहराई जाएं। प्रमुख सचिव ने बताया कि जांच में कफ सिरप में विषाक्त रासायनिक तत्व पाए गए थे, जिसके कारण बच्चों में एक्यूट ट्यूब्युलर नेक्रोसिस से किडनी फेल्योर हुआ। “अपना मेडिकल स्टोर, परासिया” नामक दुकान से यह सिरप बेचा जा रहा था, जिसका लाइसेंस अब रद्द कर स्टोर सील कर दिया गया है।