चीन ने भारत की दुखती रग पर रखा हाथ, किसानों की बढ़ेगी मुश्किल, बिगड़ जाएगा सरकार का बजट

नई दिल्ली: चीन ने रेयर अर्थ मैग्नेट्स के बाद भारत को स्पेशिएलिटी फर्टिलाइजर्स की सप्लाई भी रोक दी है। इस बीच डाई-अमोनिया फॉस्फेट यानी डीएपी की कीमत में हाल में काफी तेजी आई है। इससे किसानों की मुश्किलें बढ़ सकती है और साथ ही सरकार पर भी सब्सिडी का बोझ बढ़ सकता है। जून में इसकी कीमत 800 डॉलर प्रति टन पहुंच गई जो हाल के महीनों में सबसे ज्यादा है। इंडस्ट्री के मुताबिक भारत ने पिछले साल करीब 46 लाख टन डीएपी का आयात किया था। इसमें चीन की हिस्सेदारी 8.5 लाख टन यानी करीब 18.4 फीसदी है। डीएपी की कीमत बढ़ने से इसे आयात करने वाली कंपनियों का मार्जिन भी प्रभावित हो सकता है।
यूरिया के बाद डीएपी भारत में सबसे ज्यादा यूज होने वाला फर्टिलाइजर्स है। देश में इसकी सालाना खपत 10 से 11 मिलियन टन है जिसमें से करीब 5-6 मिलियन टन आयात किया जाता है। साथ ही भारत डीएपी में यूज होने वाले फॉस्फोरस और अमोनिया का भी आयात करता है। बिजनस स्टैंडर्ड की एक रिपोर्ट के मुताबिक इंडस्ट्री के जानकारों का कहना है कि आयातित फॉस्फोरस में प्रति टन 10 डॉलर कीमत बढ़ने से फिनिश्ड डीएपी की कीमत प्रति टन 5 डॉलर बढ़ जाती है।