पुलिस व प्रशासनिक तंत्र के साथ सीएम का मंथन:कलेक्टरों को अधिकतम तीन मिनट मिलेंगे, परफार्मेंस रिपोर्ट भी आएगी सामने

भोपाल में मंगलवार से शुरू हुई कलेक्टर-कमिश्नर कॉन्फ्रेंस में मध्यप्रदेश के सभी 55 जिलों के कलेक्टर, एसपी समेत 250 से अधिक आईएएस,आईपीएस और राज्य प्रशासनिक सेवा के अधिकारी शामिल हैं। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव इस कॉन्फ्रेंस में अधिकारियों से सीधा संवाद कर रहे हैं। बैठक का मुख्य उद्देश्य विजन 2047 को लेकर सरकार की प्राथमिकताओं को स्पष्ट करना और जमीनी स्तर पर आने वाली समस्याओं पर चर्चा करना है।
इसके साथ ही जिलों के परफार्मेंस पर भी डिस्कशन होगा। हर जिले की परफार्मेंस रिपोर्ट इस मीटिंग में बताई जाएगी। इस बैठक में छिंदवाड़ा कफ सिरप कांड का मामला भी चर्चा में रहेगा।
मोहन सरकार के कार्यकाल में हो रही पहली फिजिकल कलेक्टर-कमिश्नर कांफ्रेंस के लिए सामान्य प्रशासन विभाग ने कलेक्टर, एसपी, आईजी, संभागायुक्त के साथ पुलिस कमिश्नर इंदौर और भोपाल,सीईओ जिला पंचायत, आयुक्त नगर निगम, सीईओ स्मार्ट सिटी को भी बुलाया है।
मुख्य सचिव और डीजीपी की मौजूदगी में होने वाली इस कॉन्फ्रेंस में 8 सेक्टर में अलग-अलग चर्चा की जाएगी। हर एक सेशन के लिए सवा घंटे का समय तय किया गया है। कुशाभाऊ ठाकरे कन्वेंशन सेंटर में होने वाली कॉन्फ्रेंस के दौरान विषय वार एजेंडे के कन्वेनर अधिकारी द्वारा प्रजेंटेशन दिया जाएगा और इसमें वे अपनी टीम में शामिल सीनियर अफसरों के साथ कलेक्टरों से भी सिलेक्टेड विषय वस्तु पर स्पीच दिलाएंगे।
फ्लैगशिप स्कीम के टॉप 5 और बॉटम 5 के नाम बताएंगे
इस कॉन्फ्रेंस में सरकार की ओर से फ्लैगशिप स्कीम्स का रिव्यू किया जाएगा और इन स्कीम्स में अच्छा और खराब परफार्म करने वाले टॉप 5 और बॉटम 5 जिलों की जानकारी सार्वजनिक की जाएगी। इसे संबंधित जिलों के कलेक्टरों के परफार्मेंस से भी जोड़ा जाएगा। इसके आधार पर सरकार ऐसे अफसरों को परफार्मेंस सुधारने का मौका देने या फिर हटाने का फैसला ले सकती है।
अधिकतम तीन मिनट बोल सकेंगे कलेक्टर
मीटिंग के लिए जो थीम तय की गई है उसमें कुछ सिलेक्टेड कलेक्टरों को अपने नवाचार या अन्य विषय वस्तु की जानकारी देने का मौका दिया जाएगा। इसके लिए उन्हें अधिकतम दो से तीन मिनट का समय मिलेगा। एक सेक्टर के लिए छह से सात कलेक्टर तय किए गए हैं।
इसमें कलेक्टर सरकार को फील्ड में सामने आने वाली दिक्कतों और इश्यूज की जानकारी देने के साथ अपने नवाचार और जिला स्तर के काम बता सकेंगे। साथ ही सुझाव भी दे सकेंगे। मीटिंग में आधे घंटे तक ओपन डिस्कसन करने का समय भी तय किया गया है। यह भी कहा गया है कि कुछ मामलों में कलेक्टरों के कामकाज की अक्टूबर से दिसम्बर की अवधि में समीक्षा की जाएगी।
जनसंवाद, रोजगार और योजनाओं की आसान डिलेवरी पर होगा फोकस
इस मीटिंग में मुख्य सचिव और मुख्यमंत्री द्वारा स्थानीय संसाधनों के आधार पर कलेक्टरों द्वारा किए गए नवाचारों के अच्छे रिजल्ट पर चर्चा करने के साथ जनसंवाद पर फोकस करेंगे जो जिला, ब्लाक और पंचायत स्तर पर करना होगा। साथ ही जिला, ब्लाक और ग्राम स्तर पर अधिक से अधिक रोजगार दिए जाने, सरकारी योजनाओं की आम जन तक आसान डिलेवरी और योजनाओं का लाभ दिलाने के लिए जागरूकता के प्रयासों पर भी फोकस रहेगा।
इन 17 विभागों के अफसर रहेंगे कॉन्फ्रेंंस में
कलेक्टर कमिश्नर कॉन्फ्रेंस में जिन 17 विभागों के अपर मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव और सचिव स्तर के अधिकारियों की मौजूदगी रहेगी उसमें वन और कृषि उत्पादन आयुक्त, नगरीय विकास और आवास, सामान्य प्रशासन, वित्त विभाग, पंचायत और ग्रामीण विकास विभाग शामिल हैं।
साथ ही तकनीकी शिक्षा-कौशल विकास, गृह विभाग, योजना-आर्थिक और सांख्यिकी, औद्योगिक नीति और निवेश प्रोत्साहन, जनजातीय कार्य विभाग, लोक स्वास्थ्य और चिकित्सा शिक्षा, स्कूल शिक्षा, किसान कल्याण और कृषि विकास तथा महिला और बाल विकास व परिवहन, राजस्व, विधि और विधायी कार्य विभाग के अधिकारी भी इसमें मौजूद रहेंगे।