कर्नल सोफिया बोलीं- ऑपरेशन सिंदूर भारत की आत्मनिर्भरता का सबूत

भारतीय सेना की कर्नल सोफिया कुरैशी ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर से भारत की युद्ध रणनीति में बड़ा बदलाव आया है। यह ऑपरेशन भारत की ‘मल्टी-डोमेन प्रिसीजन वॉरफेयर’ का प्रमाण बन गया है। पाकिस्तान ने इस दौरान ‘इन्फॉर्मेशन वॉरफेयर’ भी छेड़ी थी, इसलिए युवाओं को डिजिटल साक्षरता बढ़ाने और फेक न्यूज से सावधान रहने की जरूरत है।

कर्नल कुरैशी मानेकशॉ सेंटर में आयोजित चाणक्य डिफेंस डायलॉग: यंग लीडर्स फोरम में स्पीकर के तौर पर पहुंची थीं। जहां उन्होंने भारत की युद्ध रणनीति में युवाओं की भूमिका पर अपनी बात रखी।

उन्होंने युवाओं से कहा- आप भारत की युवा शक्ति हैं — आप फायरपावर में ही नहीं, बल्कि फायरवॉल्स में भी प्रशिक्षित हैं। अब युद्ध केवल बंकरों या गोलियों से नहीं, बल्कि बाइट्स और बैंडविड्थ से भी लड़ा जाता है।

भारत ने 7 मई को ऑपरेशन सिंदूर के तहत पाकिस्तान और पीओके में मौजूद 9 आतंकी ठिकानों को नष्ट किया। भारत ने 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले के जवाब में इस ऑपरेशन को अंजाम दिया था।

कर्नल कुरैशी की 5 बड़ी बातें ​​​​, कहा- सेना दे रही ट्रेनिंग

  • ‘सेना प्रमुख की अगुआई में भारतीय सेना अब आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और साइबर टेक्नोलॉजी जैसे क्षेत्रों में युवाओं को प्रशिक्षण दे रही है, और इसके लिए आईआईटी, डीआरडीओ तथा अन्य संस्थानों के साथ मिलकर काम किया जा रहा है।’
  • कर्नल ने युवाओं को ABC of KIDS का मंत्र दिया, यानी एजाइल एंड अलर्ट, बोल्ड एंड ब्रेव, कॉम्पिटेंट एंड कैरेक्टर, नॉलेज एंड इनोवेशन, डिसिप्लिन एंड डायनामिक, सिंसियर एंड कंट्रीब्यूटर।
  • तीनों सेनाओं के तालमेल, आत्मनिर्भरता और नवाचार को भी इस ऑपरेशन की सफलता का कारण बताया। सेना, IIT और DRDO के साथ मिलकर युवा अधिकारियों को AI, साइबर और अन्य तकनीकी क्षेत्रों में प्रशिक्षण दे रही है।
  • भारत की 65 प्रतिशत आबादी 35 साल से कम उम्र की है और यह स्ट्रेटेजिक रिजर्व है। जो देश की ‘स्ट्रैटेजिक रिजर्व’ यानी रणनीतिक शक्ति है। युवाओं की ऊर्जा, नवाचार और जिम्मेदारी देश की सुरक्षा और विकास में अहम भूमिका निभा रही है। भारत का भविष्य आपके हाथ में है। चाहे आप सैनिक हों, शिक्षक, कोडर या डिजाइनर, प्रयास से सफलता मिलती है।
  • भारत सबसे युवा, 65% से ज्यादा आबादी 35 साल से कम उम्र की

    कर्नल ने कहा कि भारत दुनिया के सबसे युवा देशों में से एक है। करीब 65% से ज्यादा आबादी 35 साल से कम उम्र की है, जो जेनरेशन जेड में शामिल है। सोफिया के मुताबिक दुनिया भर में लगभग 53 संघर्ष चल रहे हैं, जिनमें इजराइल-हमास संघर्ष और रूस-यूक्रेन युद्ध शामिल हैं। इन लड़ाइयों को युवा ही तकनीक के जरिए लीड कर रहे हैं।

    उदाहरण के लिए, ड्रोन का इस्तेमाल, साइबर, इलेक्ट्रॉनिक और इन्फॉर्मेशन वॉर। इन संघर्षों ने युवाओं की भूमिका को नए सिरे से परिभाषित किया है।

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