धमतरी जिले को जल्द मिलेगा हाईटेक नर्सरी, किसान प्रशिक्षण केंद्र और फूड प्रोसेसिंग इनक्यूबेशन सेंटर का लाभ

धमतरी। जिले के किसानों और उद्यानिकी क्षेत्र के लिए यह गर्व का विषय है कि कृषि महाविद्यालय एवं अनुसंधान केन्द्र कुरूद चर्रा परिसर में भूमि पर हाईटेक नर्सरी एवं किसान प्रशिक्षण केंद्र स्थापित किया जा रहा है। स्वीकृति हेतु प्रस्ताव भेजा गया है। इसके लिए सहायक संचालक लाइवलीहुड श्री शैलेन्द्र गुप्ता,ज़िले के विभिन्न महाविद्यालयों से कैरियर काउंसिलिंग प्रभारीगणों के साथ NITरायपुर तथा इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय रायपुर के इनक्युबेशन सेंटर में विजिट कर वहाँ की कार्यप्रणाली, स्टार्टअप, इनोवेशन आईडिया को सही दिशा प्रदान करने के संबंध में पूर्ण जानकारी ली।
यह परियोजना न केवल जिले की उद्यानिकी गतिविधियों को गति प्रदान करेगी बल्कि क्षेत्र के किसानों को आधुनिक तकनीक अपनाने किसानों को नई कृषि पद्धतियों, ज्ञान और तकनीकी प्रगति का प्रसार, स्वरोजगार के नए अवसर सृजित करने और खाद्य प्रसंस्करण इकाइयों को आवश्यक संसाधन उपलब्ध कराने में भी महत्वपूर्ण साबित होगी। कृषि महाविद्यालय चर्रा के अधिष्ठाता डॉ . नवनीत राणा ने बताया कि आगामी 23 सितंबर को मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय करेली बड़ी में प्रस्तावित कार्यक्रम में कृषि महाविधालय भवन और हॉस्टल का लोकार्पण करेंगे।
हाईटेक नर्सरी के माध्यम से उन्नत किस्म के फल, फूल एवं सब्जियों के पौधे तैयार किए जाएंगे :
कुरूद चर्रा में हाईटेक नर्सरी के माध्यम से उन्नत किस्म के फल, फूल एवं सब्जियों के पौधे तैयार किए जाएंगे, जिससे किसानों को उच्च गुणवत्ता वाले पौधे स्थानीय स्तर पर ही सुलभ होंगे। इससे कृषि उत्पादन क्षमता में वृद्धि होगी और किसानों की आमदनी दोगुनी करने की दिशा में ठोस कदम उठाया जाएगा। साथ ही, प्रशिक्षण केंद्र में किसानों को आधुनिक खेती, ड्रिप एवं स्प्रिंकलर सिंचाई तकनीक, ग्रीन हाउस निर्माण, ऑर्गेनिक खेती और पौध संरक्षण संबंधी वैज्ञानिक जानकारी प्रदान की जाएगी। यह कॉलेज छत्तीसगढ़ के इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय से संबद्ध है।
इस परियोजना के शुभारंभ से जिले की उद्यानिकी को नई पहचान मिलेगी और स्थानीय स्तर पर रोजगार के अनेक अवसर उत्पन्न होंगे। प्रशिक्षण प्राप्त किसान न केवल अपने खेतों में उन्नत पद्धतियों का उपयोग कर सकेंगे, बल्कि स्वरोजगार के रूप में पौध उत्पादन, नर्सरी संचालन और खाद्य प्रसंस्करण इकाइयों की स्थापना भी कर सकेंगे। इस प्रकार यह केंद्र आत्मनिर्भरता और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ करने का माध्यम बनेगा।
’ खाद्य प्रसंस्करण और मूल्य संवर्धन इनक्यूबेशन केंद्र की स्थापना’
’फलों और सब्जियों में होने वाले नुकसान को ध्यान में
रखते हुए, कृषि महाविद्यालय एवं अनुसंधान केंद्र, कुरूद धमतरी, छत्तीसगढ द्वारा खाद्य प्रसंस्करण और मूल्य संवर्धन इनक्यूबेशन केंद्र की स्थापना का प्रस्ताव रखा गया है। इस परियोजना पर 76.80 लाख रुपये खर्च किए जाएंगे तथा इसे वर्ष 2025 से 2028 तक क्रियान्वित किया जाएगा। इसका उद्देश्य कटाई उपरांत प्रबंधन को बढ़ावा देना नुकसान को कम करना और किसानों की आय में वृद्धि करना है। इसके लिए प्रसंस्करण, पैकेजिंग, कोल्ड स्टोरेज और गुणवत्ता परीक्षण जैसी आधुनिक सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी। आधुनिक फूड प्रोसेसिंग तकनीक का प्रसार करना तथा छत्तीसगढ़ के कृषि-खाद्य क्षेत्र में उद्यमिता के अवसर उपलब्ध कराना है।’
यह केन्द्र विद्यार्थियों, किसानों और उद्यमियों को खाद्य प्रसंस्करण, मूल्य संवर्धन एवं व्यवसाय विकास में प्रशिक्षण देने का एक प्रमुख केन्द्र भी होगा। यहां से फलों के जूस, जैम, अचार, डिहाइड्रेटेड पाउडर, मिलेट आधारित स्नैक्स और एनर्जी बार जैसे विविध उत्पादों के निर्माण को बढ़ावा मिलेगा। यह पहल कृषि उपज को उच्च मूल्य वाले खाद्य उत्पादों में बदलने की दिशा में एक मील का पत्थर सिद्ध होगी, जो युवाओं एवं किसानों को सशक्त बनाते हुए राज्य की ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करेगी।
खाद्य प्रसंस्करण एवं मूल्य संवर्धन कृषि से संबंधित ऐसा व्यवसाय है, जो उपज की मूल्य वृद्धि के साथ-साथ रोजगार सृजन करता है। इस दिशा में कृषि महाविद्यालय कुरूद में इनक्यूबेशन सेंटर की स्थापना क्षेत्रीय युवाओं एवं छात्र-छात्राओं हेतु एक रोजगारोन्मुखी कार्यक्रम होगा।
यह पहल युवाओं में एग्री-स्टार्टअप्स के सृजन के साथ युवाओं से रोजगार परख व्यवसाय के विकास में सहायक होगा । तत्संबंध में कृषि महाविद्यालय कुरूद में खाद्य प्रसंस्करण इकाई की स्थापना जो जिले एवं क्षेत्रीय युवाओं एवं छात्र-छात्राओं में बिजनेस स्टार्टअप के विकास में मददगार होगी। प्रमुख विषयों में प्रसंस्करण लाइन की उपलब्धता, प्रशिक्षण, स्टार्टअप्स के लिए आधारभूत संरचना और इन केंद्रों का वाणिज्यिक संचालन शामिल है। इसका उद्देश्य मूल्य संवर्धन को बढ़ावा देना, अपव्यय को कम करना और ग्रामीण आय में वृद्धि करना है।
खाद्य प्रसंस्करण इकाइयों को भी इस केंद्र से लाभ प्राप्त होगा। उच्च गुणवत्ता वाली कच्ची सामग्री आसानी से उपलब्ध होने से फूड प्रोसेसिंग उद्योग का दायरा विस्तृत होगा। इससे उत्पादों का मूल्य संवर्धन होगा और किसानों को बेहतर दाम प्राप्त होंगे। जिले के बेरोजगार युवाओं के लिए भी यह केंद्र एक अवसर का केंद्र बिंदु होगा, जहां प्रशिक्षण प्राप्त कर वे कृषि उद्यमिता की दिशा में कदम बढ़ा सकेंगे।’
प्रशासन का मानना है कि हाईटेक नर्सरी, किसान प्रशिक्षण केंद्र और खाद्य प्रसंस्करण और मूल्य संवर्धन इनक्यूबेशन केंद्र की स्थापना से जिले में उद्यानिकी विकास की नई संभावनाओं का द्वार खुलेगा। यह परियोजना किसानों को तकनीकी रूप से सशक्त बनाएगी और राज्य सरकार की “किसान कल्याण” की प्राथमिकताओं को साकार करने में मददगार होगी।
जिले के कृषक संगठनों, स्थानीय प्रतिनिधियों एवं विशेषज्ञों ने भी इस परियोजना का स्वागत किया है। उनका मानना है कि इससे जिले को उद्यानिकी उत्पादन में आत्मनिर्भर बनाने और छत्तीसगढ़ को फूड प्रोसेसिंग हब के रूप में विकसित करने में मदद मिलेगी।
अल्प समय में शुभारंभ होने जा रही यह परियोजना जिले के लिए एक ऐतिहासिक कदम साबित होगी, जो न केवल कृषि उत्पादन में वृद्धि करेगी बल्कि किसानों के जीवन स्तर को बेहतर बनाने और स्वरोजगार के अवसर उपलब्ध कराने की दिशा में महत्वपूर्ण मील का पत्थर होगी।