92 करोड़़ की एमडी ड्रग्स में खुलासा:तुर्किये में बैठे सलीम उर्फ डोला ने लगवाई थी एमडी ड्रग की फैक्ट्री

जगदीशपुरा की फैक्ट्री का जिम्मा अशोकनगर के फैसल कुरैशी के पास था, गुजरात में ली थी ट्रेनिंग
भोपाल के जगदीशपुरा (इस्लाम नगर) में पकड़ी गई एमडी ड्रग फैक्ट्री का कर्ताधर्ता तुर्किये से नशे का पूरा नेटवर्क चला रहा था। हवाला से फैक्ट्री के लिए धन जुटाने से लेकर कच्चे माल (केमिकल) की सप्लाई तक की जिम्मेदारी तुर्किये में बैठे तस्कर सलीम उर्फ इस्माइल उर्फ डोला के पास थी। इसमें उसका भतीजा मुस्तफा कुब्बावाला सहयोग करता था।
सलीम पहले डी कंपनी के खास रहे तस्कर इकबाल मिर्ची का सहयोगी रह चुका है और वर्तमान में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ड्रग्स तस्करी में सक्रिय है। उस पर एनसीबी ने 1 लाख रुपए का इनाम घोषित किया है, जबकि उसके भतीजे मुस्तफा कुब्बावाला के खिलाफ इंटरपोल ने रेड कॉर्नर नोटिस जारी किया है।
बता दें कि डीआरआई ने 16 अगस्त को ग्राम जगदीशपुरा के मकान नंबर-11 से यह फैक्ट्री पकड़ी थी। मौके से 61.20 किलो मेफ्रेडोन (लिक्विड) जब्त किया गया, जिसकी कीमत करीब 92 करोड़ रुपए आंकी गई। साथ ही 541.53 किलो कच्चा केमिकल मिला, जिसका उपयोग मेफ्रेडोन बनाने में होता है।
यहां से ड्रग बनाने वाली मिक्सचर मशीन और तापमान नियंत्रित सेटअप भी बरामद हुआ। कार्रवाई में अशोकनगर निवासी फैसल कुरैशी और विदिशा जिले के रज्जाक खान को पकड़ा गया। इसके अलावा डीआरआई ने सूरत और मुंबई से पांच और आरोपियों को भी दबोचा।
मप्र समेत देश के अन्य हिस्सों में की जाना थी सप्लाई फैसल कुरैशी और रज्जाक खान को फैक्ट्री का जिम्मा सौंपा गया था। जांच एजेंसियां पता कर रही हैं कि यहां तैयार की जाने वाले मेफ्रेडोन को मप्र के अलावा कहां-कहां सप्लाई किया जाना था। जानकारी के मुताबिक जिस नेटवर्क से केमिकल भोपाल पहुंचाए जा रहे थे, उसी से तैयार माल की सप्लाई की जाना थी।
डीआरआई की गिरफ्त में आए सातों आरोपियों से इस संबंध में पूछताछ की जा रही है। बता दें, इस फैक्ट्री से फिलहाल मेफ्रेडोन तरल अवस्था में मिला था। इसे पावडर के रूप में तैयार नहीं किया गया था। पुलिस अफसरों के मुताबिक डीआरआई की कार्रवाई यानी 16 अगस्त से दो दिन पूर्व 14 अगस्त को बिजली मीटर लगा था, जिसके कारण ये मेफ्रेडोन की खेप तैयार नहीं कर सके थे।
पुलिस और जांच एजेंसियां नशे के इस पूरे नेटवर्क में शामिल स्थानीय लोगों की पहचान में जुटी है।
अंडरवर्ल्ड के नेटवर्क से भोपाल में तैयार हुआ नशे का नेटवर्क…
भारत में ड्रग्स का नेटवर्क फैलाने के लिए सलीम उर्फ डोला ने मुंबई और गुजरात में दाउद इब्राहिम (डी) कंपनी के पुराने कनेक्शन का इस्तेमाल किया। इसी सिलसिले में उसने गुजरात के अंकलेश्वर की एक फार्मा कंपनी में काम कर रहे अशोकनगर निवासी फैसल कुरैशी को अपने साथ जोड़ा। फार्मेसी डिप्लोमा धारक फैसल को केमिकल्स की जानकारी थी, जिसे सलीम के गुर्गों ने एमडी ड्रग्स बनाने की ट्रेनिंग भी दी।
फैसल को मप्र में सुरक्षित जगह पर फैक्ट्री लगाने की जिम्मेदारी मिली। उसने इस काम में विदिशा जिले के दाउद बासौदा निवासी रज्जाक खान को शामिल किया। रज्जाक भोपाल में रहकर टॉवर कंपनी में नौकरी करता था और उसने पॉलिटेक्निक से डिप्लोमा किया था। इन दोनों का काम सुरक्षित जगह तलाशना, फैक्ट्री सेटअप करना और मेफ्रेडोन तैयार करना था।
ड्रग बनाने का कच्चा माल यानी केमिकल्स मुंबई और गुजरात से आते थे। फैसल ने मेफ्रेडोन तैयार करने की पूरी प्रक्रिया रज्जाक को सिखाई थी। इसमें वही केमिकल्स इस्तेमाल हुए जो फार्मा और कीटनाशक उद्योग में चलते हैं। इनमें मेथिलीन डाइक्लोराइड, एसीटोन, मोनोमेथिलमाइन, हाइड्रोक्लोरिक एसिड और 2-ब्रोमो शामिल हैं।
भोपाल के पास बगरोदा से दस महीने पहले पकड़ी गई फैक्ट्री से भी यही केमिकल जब्त हुए थे। विशेषज्ञों के अनुसार इन रसायनों पर प्रतिबंध नहीं है, लेकिन निश्चित तापमान और रिएक्शन के जरिए साधारण मिक्सचर और टेम्परेचर सेटअप से इनसे एमडी बना सकते हैं।