देश के दिल में नशे की ‘रसोई’, 11 महीने में भोपाल से दो बड़ी ड्रग फैक्ट्रियां पकड़ी गईं

भोपाल। देश का हृदय प्रदेश मध्य प्रदेश और उसकी राजधानी भोपाल इन दिनों नशे की ‘रसोई’ बनती जा रही है। बीते दस माह में यहां एमडी ड्रग बनाने की दो बड़ी फैक्ट्रियां पकड़ी गईं, जिनकी सप्लाई मंदसौर से लेकर मुंबई, गुजरात और राजस्थान तक होती थी। इनके नेटवर्क में नाइजीरिया और थाइलैंड की महिलाएं भी शामिल पाई गई। जांच एजेंसियों के अधिकारी भी मान रहे हैं कि भोपाल ड्रग तस्करों के लिए सुरक्षित पनाहगाह साबित हो रहा है। यहां से विदेश तक नशे की सप्लाई हो रही है।भोपाल के आसपास बंद पड़ी फैक्ट्रियों को किराए पर लेकर ड्रग कारोबार चलाया जा रहा था, जबकि स्थानीय पुलिस लापरवाह बनी रही। अक्टूबर, 2024 में गुजरात एटीएस और नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) ने संयुक्त कार्रवाई कर कटारा हिल्स के ग्राम बगरोदा में एमडी ड्रग फैक्ट्री पकड़ी थी और करीब 900 किलो ड्रग बरामद किया गया था। दूसरा मामला इसके 11 महीने बाद सोमवार को ही जगदीशपुर में सामने आया, जहां 61.2 किलो एमडी ड्रग बरामद की गई। यह कार्रवाई राजस्व खुफिया निदेशालय (डीआरआई) की टीम ने की।

इन रास्तों पर नहीं है चेक पोस्ट

अधिकारी भोपाल के नशे की ‘रसोई’ बनने की बड़ी वजह इसकी भौगोलिक स्थिति मान रहे हैं। भोपाल से ब्यावरा (राजगढ़) से होते झालावाड़ से राजस्थान में प्रवेश किया जा सकता है। वहां से हरियाणा और दिल्ली तक आसानी से पहुंचा जा सकता है। इनके रास्तों में कहीं चेक पोस्ट नहीं है। फ्लाईओवर नहीं होने के कारण वाहन शहर के बाहर से निकल जाते हैं। यह ड्रग माफिया के लिए बेहद सुरक्षित रास्ता है। इसी तरह नागपुर होते हुए महाराष्ट्र के कई हिस्सों में पहुंचा जा सकता है।

स्थानीय स्तर पर सप्लाई नहीं

बगरोदा में हुई कार्रवाई में शामिल अधिकारी आर.के. सिंह ने बताया कि जांच और पूछताछ में यह सामने आया कि फैक्ट्री शहर से बाहर सुनसान इलाके में चलाई जा रही थी। पुलिस भी वहां बहुत कम ही पहुंचती थी। बंद पड़ी एक फैक्ट्री को किराये पर लेकर उसमें यह अवैध कारोबार चल रहा था। आरोपित हाईवे से होकर सीधे बाहर निकल जाते थे ताकि स्थानीय स्तर पर पकड़ में न आएं। खास बात यह भी रही कि गिरोह जिस शहर में ड्रग तैयार करता था, वहां और आसपास सप्लाई नहीं करता था। मामले में गिरोह का सरगना सहित तीन आरोपित अब भी फरार हैं।

विदेशी तस्करों की संलिप्तता

पुलिस कमिश्नर हरिनारायणाचारी मिश्र ने बताया कि जुलाई में क्राइम ब्रांच ने मादक पदार्थ तस्कर यासीन अहमद उर्फ ‘मछली’ और उसके चाचा शाहवर अहमद को गिरफ्तार किया था। जांच में पता चला कि दोनों अंतरराष्ट्रीय तस्करों से भी जुड़े हैं। इस नेटवर्क से जुड़े दिल्ली के नाइजीरियन युवक और थाइलैंड की महिला को भी गिरफ्तार किया गया। भोपाल में ड्रग सप्लाई का काम थाई महिला के जरिये किया जा रहा था। यासीन से मिली जानकारी के आधार पर अन्य आरोपित भी पकड़े गए। यासीन पार्टी डीजे का काम करता था और इसी बहाने विदेशी तस्करों से संपर्क में आकर नशा मंगवाता था।

पुलिस में दर्ज होने वाले मामले बढ़े

  • – ड्रग के मामलों में बड़ी कार्रवाई एनसीबी और डीआरआइ ने की लेकिन पुलिस में भी इसके मामले बढ़ रहे हैं। इस वर्ष जनवरी से 17 अगस्त तक भोपाल में एनडीपीएस एक्ट के 35 मामले दर्ज किए गए, जिनमें 62 आरोपित गिरफ्तार किए गए।
  • – वर्ष 2024 में 51 केस दर्ज हुए थे और 95 लोगों की गिरफ्तारी हुई थी।
  • – वर्ष 2023 में केवल 18 मामले सामने आए और 30 आरोपितों पकड़े गए।

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