AAP नेता सौरभ भारद्वाज के घर ED के छापे:हॉस्पिटल कंस्ट्रक्शन स्कैम में 12 और ठिकानों पर तलाशी

प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने मंगलवार सुबह AAP नेता और पूर्व मंत्री सौरभ भारद्वाज के घर समेत 13 ठिकानों पर छापेमारी की। उन पर हॉस्पिटल कंस्ट्रक्शन में करप्शन का आरोप है।

दिल्ली की एंटी-करप्शन ब्रांच (ACB) ने एक साल पहले AAP सरकार के दौरान स्वास्थ्य ढांचे से जुड़ी परियोजनाओं में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच शुरू की थी।

जांच एजेंसी ने पूर्व स्वास्थ्य मंत्रियों सौरभ भारद्वाज और सत्येंद्र जैन के खिलाफ जून में केस दर्ज किया था। ACB ने बाद में मामला ED को ट्रांसफर कर दिया गया था। केंद्रीय एजेंसी ने जुलाई में केस दर्ज किया था।

इस कार्रवाई पर अरविंद केजरीवाल ने एक्स पर लिखा, "सौरभ भारद्वाज के घर ED की रेड हई। ये दिखाता है की मोदी सरकार AAP के पीछे पड़ गई है। सरकार हमारी आवाज दबाना चाहती है। हम भाजपा से नहीं डरते। हम देश हितों के साथ खड़े हैं।"

आतिशी बोलीं- ये रेड 100 परसेंट फर्जी है 

सौरभ भारद्वाज के यहां ईडी की रेड क्यों पड़ी। दरअसल कल से PM मोदी की डिग्री को लेकर चर्चा हो रही है। ये कैसी यूनिवर्सिटी है जिसे गर्व ही नहीं है कि देश के PM उनके यहां से पढ़े हैं। ये रेड 100 परसेंट फर्जी है, क्योंकि जिस समय का ये मामला है, तब सौरभ मंत्री ही नहीं थे। वे उसके दो साल बाद मंत्री बने।

ये हास्यास्पद है। आपके मंत्री बनने से दो-तीन साल पहले के मामलों पर आपके यहां रेड हो रही है। ये ऐसी बात हो गई, मानो कोलगेट स्कैम और 2जी स्कैम पर मोदी जी के घर रेड पड़ जाए।

भाजपा नेता की शिकायत पर जांच हुई…जानें इस पूरे मामले को

भाजपा नेता विजेंद्र गुप्ता ने 22 अगस्त 2024 को शिकायत के बाद उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने इस साल 25 जून को अस्पताल घोटाले की जांच को मंजूरी दे दी। गुप्ता ने शिकायत में तत्कालीन मंत्री सौरभ भारद्वाज और सत्येंद्र जैन पर मिलीभगत कर स्वास्थ्य विभाग में भ्रष्टाचार का आरोप लगाया था। हालांकि AAP ने इन आरोपों से इनकार किया था।

दोनों मंत्रियों पर ₹5,590 करोड़ की 24 अस्पताल परियोजनाओं में देरी का आरोप लगा। कहा गया कि इससे इन परियोजनाओं का खर्च बढ़ गया। इसके बाद दिल्ली विजिलेंस विभाग ने शिकायत की जांच की। इसके बाद एलजी के आदेश पर एंट्री करप्शन ब्यूरो (ACB) ने FIR दर्ज की। ACB ने जुलाई में यह मामला ED को ट्रांसफर कर दिया।

स्वास्थ्य मंत्रियों पर लगे गड़बड़ी, देरी, नियम उल्लंघन के आरोप

आरोप है कि AAP सरकार ने साल 2018-19 में 5590 करोड़ रुपए की लागत की 24 अस्पताल परियोजनाएं (11 ग्रीनफील्ड और 13 ब्राउनफील्ड) स्वीकृत की गई थी। इसमें बड़े पैमाने पर हेराफेरी की गई। 6800 के कुल बिस्तर क्षमता वाले 7 ICU अस्पतालों को सितंबर 2021 से 6 महीने के भीतर पूर्व-इंजीनियर संरचनाओं का उपयोग कर निर्माण के लिए 1125 करोड़ रुपए की लागत से मंजूरी दी गई थी। 3 साल से अधिक समय बीत जाने के बाद भी 800 करोड़ रुपए की लागत के साथ केवल 50% काम पूरा हुआ।

लोकनायक अस्पताल न्यू ब्लॉक परियोजना के लिए 465.52 करोड़ रुपए की लागत से मंजूरी दी गई थी। 4 साल में 1125 करोड़ रुपए की राशि खर्च हुई, जो लागत से करीब 3 गुनी है। पॉलीक्लिनिक्स परियोजना के लिए 168.52 करोड़ रुपए की लागत स्वीकृत हुई। इसमें 94 पॉलीक्लिनिक्स तैयार करना था, लेकिन 52 का निर्माण करने पर 220 करोड़ रुपए खर्च हुए।

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