जियो-एयरटेल के सामने नहीं टिक पाएगी एलन मस्क की स्टारलिंक, सरकार ने कर दिया इंतजाम?

नई दिल्ली: दुनिया के सबसे बड़े रईस एलन मस्क की कंपनी स्टारलिंक भारत में सैटेलाइट से इंटरनेट सर्विस देने की तैयारी में है। कंपनी को इसके लिए जरूरी लाइसेंस मिल गया है। लेकिन सरकार ने इस कंपनी पर कुछ खास पाबंदियां लगाई हैं। टेलीकॉम राज्य मंत्री पेम्मासानी चंद्र शेखर ने कहा है कि स्टारलिंक भारत में सिर्फ 20 लाख कनेक्शन ही दे पाएगी। इसकी वजह है यह है कि इस कंपनी के पास स्पेक्ट्रम की कमी है। इससे मुकेश अंबानी की रिलायंस जियो और भारती एयरटेल जैसी घरेलू कंपनियों को तुरंत कोई खतरा नहीं है।

पेम्मासानी ने बीएसएनएल की एक मीटिंग में यह बात कही। उन्होंने बताया कि स्टारलिंक का प्लान लगभग 3,000 रुपये महीना हो सकता है। यह जियो और एयरटेल से महंगा है लेकिन सैटेलाइट इंटरनेट के हिसाब से ठीक है। स्टारलिंक भारत में सिर्फ 20 लाख ग्राहकों को ही सेवा दे पाएगी। उसकी स्पीड 200 Mbps तक होगी। इससे टेलीकॉम सेवाओं पर कोई असर नहीं पड़ेगा।

स्टारलिंक की कैपेसिटी

स्टारलिंक 100 से ज्यादा देशों में करीब 50 लाख लोगों को अपनी सेवा दे रही है। अगर भारत में 20 लाख ग्राहक मिल जाते हैं, तो यह कंपनी के लिए बहुत बड़ी बात होगी। सैटेलाइट इंटरनेट दूरदराज के इलाकों में काम आएगा जहां बीएसएनएल जैसी कंपनियां ठीक से नहीं पहुंच पाती हैं। एक सरकारी अधिकारी ने बताया कि स्टारलिंक के कनेक्शनकीसंख्याइसलिएसीमितरहेगीक्योंकिअभीउसकेनेटवर्ककीक्षमताकमहै

उन्होंनेबतायाकिस्टारलिंकके 4,408 सैटेलाइटपृथ्वीसे 540-570 किलोमीटरकीदूरीपरचक्करलगातेहैं। इससेभारतमें 600 Gbps की स्पीड मिल सकती है। कंपनी को यह लाइसेंस 5 साल के लिए मिला है। मस्क की कंपनी को डिपार्टमेंट ऑफ टेलीकम्युनिकेशन से लाइसेंस और INSPACeसे मंजूरी मिल गई है। अब कंपनी भारत में अपना स्ट्रक्चर बनाएगी। वह इक्विपमेंटइम्पोर्ट करने के लिए डिपार्टमेंट ऑफ टेलीकम्युनिकेशन से इजाजत मांगेगी।

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