EPFO के नए नियम, पहला घर खरीदने वाले निकाल सकेंगे ज्यादा पैसा, जानें और क्या फायदे मिलेंगे

नई दिल्ली: कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) ने पीएफ निकालने के नियमों में कुछ बदलाव किए हैं। यह बदलाव उन लोगों के लिए ज्यादा फायदेमंद है जो अपना घर खरीदने का प्लान बना रहे हैं। नए नियमों के तहत वे ईपीएफ मेंबर जो अपना पहला घर खरीदने की सोच रहे हैं, वे पीएफ अकाउंट से पहले के मुकाबले ज्यादा पैसा निकाल सकेंगे।
ईपीएफ के नए नियमों के अनुसार कर्मचारी अब अपना पहला घर खरीदने के लिए अपने पीएफ से 90 फीसदी तक रकम निकाल सकेंगे। पहले उसे कई तरह की बाधाओं को पार करना जरूरी होता था। पुराने नियमों के तहत पीएफ से पैसा निकालने के लिए कुछ साल नौकरी करना जरूरी था। लेकिन अब, इसमें भी बदलाव हुआ है। ये बदलाव ईपीएफ स्कीम 1952 के पैरा 68-BD के तहत किए गए हैं।
क्या है नए नियमों में?
नए नियमों के अनुसार ईपीएफ मेंबर घर से जुड़ी जरूरतों के लिए अपने पीएफ का 90% तक निकाल सकते हैं। इसमें डाउन पेमेंट, नया घर बनाना या होम लोन की ईएमआई चुकाना शामिल है। पहले, इस तरह से पैसा निकालने के लिए सदस्यों को पांच साल तक लगातार नौकरी करनी होती थी। नए नियम के अनुसार मेंबर अपना ईपीएफ अकाउंट खोलने के तीन साल बाद ही पैसा निकाल सकते हैं। मेंबर इस पीएफ एडवांस विड्रॉल विकल्प का इस्तेमाल अपने जीवन में सिर्फ एक बार ही कर सकते हैं।
ये बदलाव भी हुए
ऑनलाइन क्लेम के लिए चेक या बैंक पासबुक की सत्यापित फोटो कॉपी अपलोड करने की अनिवार्यता खत्म कर दी गई है। चूंकि बैंक खाताधारक का नाम ईपीएफ अकाउंट को यूनिवर्सल अकाउंट नंबर (यूएएन) से जोड़ने के दौरान सत्यापित किया जाता है, इसलिए अब चेक या पासबुक की सत्यापित कॉपी की जरूरत नहीं है।
कितना पैसा होता है जमा?
ईपीएफओ का काम प्राइवेट सेक्टर में काम करने वाले कर्मचारियों के पीएफ का ध्यान रखना है। ईपीएफ के तहत एक कर्मचारी अपनी बेसिक सैलरी और महंगाई भत्ते का 12% हर महीने जमा करता है। इतना ही पैसा कंपनी भी जमा करती है। कंपनी के जमा किए गए पैसे में से 8.33% कर्मचारी पेंशन योजना (EPS) में जाता है और बाकी 3.67% ईपीएफ में जाता है। अभी ईपीएफ पर ब्याज दर 8.25% प्रति वर्ष है।