थाईलैंड-कंबोडिया में लगातार दूसरे दिन गोलीबारी:थाईलैंड ने बॉर्डर इलाकों से 1 लाख लोगों को हटाया

थाईलैंड और कंबोडिया के बीच चल रहा संघर्ष दूसरे दिन भी जारी है। शुक्रवार सुबह दोनों देशों के सैनिकों ने बॉर्डर पर फायरिंग की है।
थाई सरकार ने शुक्रवार को बताया कि 1 लाख से ज्यादा लोग घर छोड़ने के लिए मजबूर हो चुके हैं। अब तक थाईलैंड के 16 लोगों की मौत हुई है। जिसमें 1 सैनिक और 15 आम लोग हैं। 46 लोग घायल हुए हैं।
अभी तक कंबोडिया की तरफ से मृतकों या घायलों की कोई आधिकारिक संख्या नहीं बताई गई है।
विवाद की वजह 900 साल पुराना शिव मंदिर (प्रासात ता मुएन थोम) है। जब थाई सेना के अनुसार कंबोडियाई सैनिकों ने थाई सैन्य ठिकानों के ऊपर ड्रोन उड़ाए।
थाई सेना का कहना है कि उसने बातचीत के जरिए तनाव कम करने की कोशिश की, लेकिन जब बात नहीं बनी तो सुबह 8:20 बजे भारी गोलीबारी शुरू हो गई।
कंबोडिया और थाईलैंड के बीच विवाद को जानिए…
थाईलैंड और कंबोडिया के बीच सीमा विवाद का इतिहास 118 साल पुराना है, जो प्रीह विहियर मंदिर और आसपास के क्षेत्रों को लेकर है।
जब कंबोडिया फ्रांस के अधीन था तभी 1907 में दोनों देशों के बीच 817 किमी की लंबी सीमा खींची गई थी। थाईलैंड ने हमेशा इसका विरोध किया, क्योंकि नक्शे में प्रीह विहियर नाम का ऐतिहासिक मंदिर कंबोडिया के हिस्से में दिखाया गया था।
इस पर दोनों देशों में विवाद चलता रहा। 1959 में कंबोडिया यह मामला अंतरराष्ट्रीय न्यायालय में ले गया और 1962 में अदालत ने फैसला दिया कि मंदिर कंबोडिया का है। थाईलैंड ने इसे स्वीकार किया, लेकिन आसपास की जमीन को लेकर विवाद जारी रखा।
मंदिर को हेरिटेज साइट में शामिल कराने पर झड़पें शुरू हुई
2008 में यह विवाद तब और बढ़ गया जब कंबोडिया ने इस मंदिर को यूनेस्को की वर्ल्ड हेरिटेज साइट में शामिल कराने की कोशिश की। मंदिर को मान्यता मिलने के बाद दोनों देशों की सेनाओं में फिर झड़पें शुरू हो गईं और 2011 में तो हालात इतने बिगड़ गए कि हजारों लोग अपने घर छोड़ने पर मजबूर हो गए।
2011 में अंतरराष्ट्रीय न्यायालय ने दोनों देशों को विवादित क्षेत्र से सैनिक हटाने का आदेश दिया, और 2013 में फिर से पुष्टि की कि मंदिर और उसके आसपास का क्षेत्र कंबोडिया का है, लेकिन सीमा का मुद्दा अब तक पूरी तरह हल नहीं हो पाया है।
इस विवाद के बावजूद थाईलैंड और कंबोडिया दुनिया के सबसे अच्छे पड़ोसी देशों में से माने जाते थे। कुछ साल पहले तक दोनों देशों के नेताओं का मानना था कि उनकी दोस्ती कभी नहीं टूटेगी, क्योंकि वे एक लंबी सीमा साझा करते हैं और मिलकर आगे बढ़ना उनके लिए जरूरी है।
हालांकि, हाल के समय में हालात बदल गए और उनके बीच तनाव काफी बढ़ गया है। 28 मई को एमराल्ड ट्रायंगल पर दोनों देशों की सेनाओं के बीच भिड़ंत हुई, जिसमें एक कंबोडियाई सैनिक की मौत हो गई थी। यह वो जगह है थाईलैंड, कंबोडिया और लाओस की सीमाएं मिलती हैं। थाईलैंड और कंबोडिया दोनों ही इस इलाके पर दावा करते हैं।
थाईलैंड-कंबोडिया ने एक-दूसरे पर बैन लगाए
सैनिक की मौत से नाराज होकर कंबोडिया के नेता हुन सेन ने सीमा पर और सैनिक और हथियार भेजने का आदेश दिया, उन्होंने कहा कि वे युद्ध नहीं चाहते, लेकिन हमला होने पर जवाब देना पड़ेगा। थाई PM ने इसके जवाब में कहा कि थाईलैंड ऐसी किसी धमकी को बर्दाश्त नहीं करेगा।
इसके बाद कंबोडिया ने धमकी दी कि वह इस विवाद को अंतरराष्ट्रीय अदालत में ले जाएगा, लेकिन थाईलैंड ने यह कहकर इनकार कर दिया कि वह अदालत के अधिकार को नहीं मानता।
इसके बाद थाईलैंड ने कंबोडिया की बिजली और इंटरनेट सेवा रोकने की धमकी दी, तो कंबोडिया ने थाई टीवी और फिल्मों पर बैन लगा दिया और थाई प्रोडक्ट्स के आयात पर रोक लगा दी। थाईलैंड ने भी कंबोडिया जाने वाले अपने मजदूरों को सीमा पार करने से रोक दिया।