भारत से लेकर इंडोनेशिया तक… राफेल विमानों की दुनिया दीवानी, फ्रांस के पास 533 का महाऑर्डर, अमेरिकी F-35 को चुनौती

पेरिस: फ्रांसीसी कंपनी डसॉल्ट एविएशन ने इस हफ्ते घोषणा की है, कि उसने 300वें राफेल लड़ाकू विमान का उत्पादन पूरा कर लिया है। जो फ्रांस के लिए एक मील का पत्थर है। सबसे खास बात ये है कि डॉसॉल्ड कंपनी के पास अब फ्रांस, भारत, इंडोनेशिया और सर्बिया जैसे देशों से कुल 533 विमानों के ऑर्डर मिले हुए हैं और उसने 300वां राफेल फाइटर जेट बना लिया है। कंपनी ने इसे एक उपलब्धि बताया है। अमेरिकी एफ-35 स्टील्थ फाइटर जेट के बाद शायद राफेल, पिछले दो दशकों में सबसे ज्यादा बिकने वाला विमान बन गया है। डसॉल्ट एविएशन ने 400 से ज्यादा स्थानीय कंपनियों को शामिल करते हुए एक इंडस्ट्रियल नेटवर्क डेवलप किया है, जिससे उसने घरेलू एयरोस्पेस नेटवर्क को काफी ज्यादा मजबूत बना लिया है।
डसॉल्ट के आधिकारिक बयान में कहा गया है कि "300वें राफेल का उत्पादन कुछ दिन पहले पूरा हुआ है। यह उपलब्धि इस लड़ाकू विमान के ऑपरेशन, औद्योगिक और व्यावसायिक कामयाबी को दर्शाती है। राफेल अपनी श्रेणी में सबसे घातक, बहुमुखी और प्रभावी कॉम्बैट एयरक्राफ्ट है, जिसने फ्रांस की रक्षा संप्रभुता को मजबूत किया है।” कंपनी ने यह भी साफ किया है कि आने वाले वर्षों में इसकी उत्पादन दर बढ़ाने की योजना तैयार है, ताकि बढ़ते अंतरराष्ट्रीय ऑर्डर्स को समय पर पूरा किया जा सके। फिलहाल कंपनी के पास 233 राफेल फाइटर जेट के ऑर्डर और हैं, जिनका प्रोडक्शन करना बाकी है।
डसॉल्ट एविएशन ने 300वां राफेल बनाने की उपलब्धि पर घोषणा की है कि वो अपने प्रोडक्शन लाइन को हर महीने चार विमानों तक बढ़ाने की योजना पर काम कर रही है। ताकि सर्बिया जैसे नए ग्राहकों को समय पर राफेल की आपूर्ति संभव हो पाए। सर्बिया ने जून 2025 में 12 राफेल विमानों की खरीद के लिए 1.9 बिलियन यूरो के ऋण को मंजूरी दी थी। वहीं, भारत के साथ दसॉल्ट का सहयोग और गहरा होने की संभावना है। कंपनी, भारत में लोकल प्रोडक्शन यूनिट स्थापित करने की दिशा में कदम बढ़ा रही है। इसका मकसद मेक इन इंडिया के तहत भारत में ही राफेल फाइटर जेट का उत्पादन करना है। भारतीय वायुसेना पहले से ही 36 राफेल जेट संचालित कर रही है और अब 114 नए फाइटर जेट्स की खरीद पर विचार चल रहा है। रिपोर्ट है कि भारतीय वायुसेना ने रक्षा मंत्रालय को 114 नये राफेल के लिए प्रस्ताव भेजा है।