निर्मल कुंड में पहली बार किया गया गणेश की प्रतिमा का विसर्जन

इंदौर

मध्य प्रदेश के इंदौर को पूरे देश में 100 स्मार्ट सिटी में प्रथम पुरस्कार प्राप्त हुआ है. जिसको लेकर इंदौर नगर निगम द्वारा लगातार प्रयास किया जा रहा था. इधर एक कदम आगे बढ़ते हुए हर बार की तरह इस साल भी नगर निगम ने भगवान गणेश प्रतिमाओं के विसर्जन के लिए विशेष कुंड तैयार किया गया था. इसके लिए इंदौर के प्रत्येक वार्ड में इस तरह की कुंड बनाए गए हैं, जहां पर प्रतिमाओं को एकत्रित करके उन्हें विसर्जित किया गया.

इस बार इंदौर में प्लास्टर ऑफ पेरिस की प्रतिमाओं को लेकर पहले से ही दिशा निर्देश जारी किए गए थे. इस आदेश में कहा गया था कि पीओपी से मूर्तियां नहीं बनाई जाएंगी. इसको लेकर इंदौर के जिला कलेक्टर ने भी एक पत्र जारी किया था. जिसके बाद नगर निगम ने लोगों से मिट्टी की ही प्रतिमाएं बनाने की अपील की थी, जिससे पर्यावरण को साफ सुथरा और सुरक्षित बनाने में सहायता मिले. नगर निगम और प्रशासन की अपील का लोगों पर असर दिखा.

इंदौर में अधिकतर मूर्तियां मिट्टी से बनाई गईं
प्रशासन की अपील को स्वीकार करते हुए अधिकतर लोगों ने मिट्टी की प्रतिमाएं ही स्थापित की थीं, जिन्हें नगर निगम द्वारा बनाए गए कुंड में पूरे भक्ति भाव और धार्मिक परंपराओं के साथ विसर्जित किया गया. इंदौर के मेयर पुष्यमित्र भार्गव ने भी गृह क्षेत्र द्वारिकापुरी में निर्मल कुंड में गुरुवार (28 सितंबर) को पूरे विधि विधान के साथ गणेश विसर्जन किया, जहां उन्होंने शहर की सुख समृद्धि के लिए भगवान से प्रार्थना की.

निर्मल कुंड में गणेश जी की प्रतिमा का किया गया विसर्जन
इस विशेष पहल को लेकर मेयर पुष्यमित्र भार्गव ने कहा कि शहर के सभी प्रमुख चौराहों पर पर्यावरण हितैषी निर्मल कुंड बनाए गए थे, जो सभी की श्रद्धा को ध्यान में रखते हुए गणेश विसर्जन के लिए उपलब्ध थे. इंदौर मेयर ने शहर वासियों से इस पावन पर्व पर निर्मल कुंड में ही गणेश विसर्जन करने और पर्यावरण में अपना योगदान देने की अपील की थी. निर्मल कुंड में गणेश जी की प्रतिमा के विसर्जति करने बाद, उसे दोबारा निकाल कर पूरे विधि विधान से शहर के तालाबों और नदियों में विसर्जित किया गया.

 

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