खुशखबरी…जल्द मिलेगी भोपाल को मेट्रो की सौगात, CM मोहन यादव ने तैयारियों का किया निरीक्षण

भोपाल। पिछले सात साल से चल रहा भोपाल मेट्रो का काम अब एक पड़ाव पर पहुंचा है। अक्टूबर 2025 से मेट्रो का प्रायोरिटी कॉरिडोर जनता के लिए खोल दिया जाएगा। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने रविवार को मेट्रो के ट्रायल कोच में सवार होकर इस कॉरिडोर के कामकाज का निरीक्षण किया। उन्होंने अक्टूबर से मेट्रो रेल का संचालन शुरू होने की घोषणा की।
मुख्यमंत्री ने सवारी कर देखा ट्रायल
मुख्यमंत्री दोपहर बाद मेट्रो के सुभाष नगर स्टेशन पहुंचे। यहां मेट्रो कार्पोरेशन के अधिकारियों ने उनका स्वागत किया। मुख्यमंत्री सुभाष नगर से एम्स स्टेशन तक और फिर एम्स से रानी कमलापति स्टेशन तक मेट्रो रेल से ही गए। ट्रेन की संचालन रफ्तार 40 से 60 किमी प्रति घंटा तय हुई है। इस दौरान रेल ने इस रफ्तार को छुआ। सुभाष नगर से एम्स पहुंचने में मेट्रो रेल को 10 मिनट का समय लगा। यात्रा के दौरान मुख्यमंत्री ने मेट्रो चालक से बातचीत की।
अक्टूबर से भोपाल में दौड़ेगी मेट्रो
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने बताया कि भोपाल मेट्रो परियोजना का कार्य तेजी से आगे बढ़ रहा है और शेष निर्माण अगले डेढ़ से दो महीने में पूरा कर लिया जाएगा। रिसर्च डिजाइन स्टैंडर्ड आर्गेनाइजेशन (आरडीएसओ) द्वारा निरीक्षण पूरा हो चुका है, अब कमिश्नर मेट्रो रेल सेफ्टी (सीएमआरएस) की मंजूरी के बाद इसका संचालन शुरू हो जाएगा। भोपाल मेट्रो की लागत 6941.40 करोड़ रुपये है। इसमें से 2225 करोड़ रुपये की लागत से सुभाष नगर से एम्स तक प्रायोरिटी कारिडोर तैयार किया गया है।
मुख्यमंत्री के साथ कई अधिकारी रहे मौजूद
मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2030 से पहले भोपाल मेट्रो के दोनों कारिडोर्स आरेंज और ब्लू लाइन पूरी तरह से चालू हो जाएंगे। निरीक्षण के दौरान पिछड़ा वर्ग और अल्पसंख्यक कल्याण राज्यमंत्री कृष्णा गौर, अपर मुख्य सचिव, नगरीय विकास एवं आवास संजय दुबे, राहुल कोठारी, सहित एमपी मेट्रो ट्रेन कार्पोरेशन लिमिटेड के अधिकारी उपस्थित रहे।
कंट्रोल रूम में समझी तकनीकी प्रणाली
मुख्यमंत्री ने सुभाष नगर मेट्रो स्टेशन स्थित कमांड सेंटर (सेंट्रल कंट्रोल रूम) का भी दौरा किया और संचालन प्रणाली की तकनीकी जानकारी ली। इस दौरान अपर मुख्य सचिव संजय दुबे ने मेट्रो परियोजना की अब तक की प्रगति से मुख्यमंत्री को अवगत कराया।
दो स्टेशनों के बीच दो मिनट
भोपाल मेट्रो की डिजाइन स्पीड 90 किमी प्रति घंटा और संचालन गति 40 से 60 किमी प्रति घंटा होगी। हर स्टेशन के बीच की दूरी को तय करने में औसतन दो मिनट का समय लगेगा। मेट्रो स्टेशनों पर एस्केलेटर, लिफ्ट, ब्रेल साइन, स्वच्छ शौचालय, शुद्ध पेयजल और सूचनाओं के लिए डिजिटल डिस्प्ले जैसी सभी आधुनिक सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी।
परियोजना के लिए 27 सेट मेट्रो रेल
मुख्यमंत्री ने बताया कि परियोजना के तहत कुल 27 अत्याधुनिक मेट्रो ट्रेन सेट प्रस्तावित हैं। उनमें से सात ट्रेन सेट भोपाल पहुंच चुके हैं । जल्द ही शेष ट्रेन सेट भी आएंगे और परीक्षण के बाद सेवा में लगाए जाएंगे। इस परियोजना में दिव्यांगजनों के लिए समावेशी इंफ्रास्ट्रक्चर विकसित कर रही है। हर मेट्रो स्टेशन पर उनके लिए सुगम यातायात और पहुंच की सुविधाएं सुनिश्चित की जाएंगी।