रोक के बावजूद ग्रेटा थनबर्ग गाजा के लिए निकलीं:राहत सामग्री लेकर जहाज से ईद पर पहुंचेंगी

स्वीडिश पर्यावरण कार्यकर्ता ग्रेटा थनबर्ग जहाज से गाजा की यात्रा पर निकली हैं। वे अपने साथ गाजा के लोगों के लिए दवा, अनाज, बच्चों के लिए दूध, डाइपर और वाटर प्यूरीफायर ले जा रही हैं। इसमें उनके साथ 11 और लोग हैं जो ‘मैडलीन’ नाम के एक जहाज पर सवार हैं।
थनबर्ग अपनी टीम के साथ इटली के सिसली द्वीप से 1 जून को रवाना हुई थी। अगर कोई रुकावट नहीं हुई तो 2000 किमी की दूरी तय कर मैडलीन जहाज 7 जून यानी कि ईद के दिन गाजा पहुंच जाएगा। इस यात्रा का मकसद सिर्फ मदद पहुंचाना ही नहीं, बल्कि इजराइल द्वारा गाजा पर लगाए गए प्रतिबंधों के खिलाफ शांतिपूर्ण विरोध जताना भी है।
इस बीच इजराइल ने ग्रेटा थनबर्ग की इस यात्रा को लेकर कड़ा रुख अपनाया है। इजराइली सेना ने कहा कि वे जरूरत पड़ने पर जरूरी कदम उठाएंगे। हालांकि ग्रेटा और उनके साथी इस अभियान को पूरी तरह शांतिपूर्ण और मानवीय बता रहे हैं।
जहाज की लाइव लोकेशन ट्रैक जा रही
ग्रेटा ने रवाना होने से पहले बयान दिया,

अगर इंसानियत में कोई बची-खुची उम्मीद है, तो हमें फिलिस्तीन के लिए आवाज उठानी होगी। मैं इसलिए यहां हूं क्योंकि यह मेरा कर्तव्य है।
मैडलीन की लोकेशन लाइव ट्रैक की जा रही है। 4 जून को यह सिसिली से 600 किमी दूर था। मंगलवार रात को ग्रीस के तट से 68 किमी दूर एक ड्रोन इसके ऊपर मंडराता देखा गया, जो ग्रीक कोस्टगार्ड का था।
गाजा जा रहा मैडलीन मिशन क्या है?
इजराइल ने 2 मार्च से गाजा में राहत सामग्री की एंट्री पर पूरी तरह रोक लगा रखी है, जिससे वहां 23 लाख लोगों में से 93% भुखमरी का सामना कर रहे हैं। दर्जनों बच्चे भूख से मर चुके हैं। मैडलीन जहाज का मकसद इन लोगों तक मदद पहुंचाना है।
मैडलीन जहाज फ्रीडम फ्लोटिला कोएलिशन (FFC) का हिस्सा है। यह एक अंतरराष्ट्रीय संगठन है जो गाजा पर लगी इजराइली नाकेबंदी को चुनौती देने के लिए मानवीय अभियानों को चलाता है। यह जहाज दक्षिण इटली के कातानिया पोर्ट से रवाना हुआ है और इसमें जीवन रक्षक सामग्री लदी हुई है।
FFC ने इसे एक शांतिपूर्ण नागरिक प्रतिरोध बताया है। उनके मुताबिक, जहाज पर सवार सभी कार्यकर्ता और चालक दल के सदस्य अहिंसा के सिद्धांत में प्रशिक्षित हैं और यह मिशन पूरी तरह से शांतिपूर्ण है।