फार्मा सेक्टर की दुनिया हिलाने की तैयारी में गुजरात की कंपनी, एक झटके में बन जाएगी नंबर 2

नई दिल्ली: अहमदाबाद की दवा कंपनी टोरेंट फार्मास्युटिकल्स बड़ा धमाका करने का तैयारी में है। यह कंपनी जेबी केमिकल्स एंड फार्मास्युटिकल्स में बड़ी हिस्सेदारी खरीदने जा रही है। यह सौदा लगभग 19,500 करोड़ रुपये का है। इस डील के बाद टोरेंट भारत की दूसरी सबसे बड़ी फार्मा कंपनी बन जाएगी। यह सौदा भारत के फार्मा सेक्टर का दूसरा सबसे बड़ा सौदा होगा। इससे पहले 2015 में सन फार्मा ने रैनबैक्सी लेबोरेटरीज को करीब 4 अरब डॉलर में खरीदा था।
टोरेंट अमेरिका की पीई कंपनी केकेआर से 46.39% हिस्सेदारी खरीदेगी। इसके लिए टोरेंट लगभग 11,917 करोड़ रुपये देगी। इसके अलावा, JB केमिकल्स के कुछ कर्मचारियों से 2.8% हिस्सेदारी भी खरीदी जाएगी। इसके लिए 719 करोड़ रुपये दिए जाएंगे। हर शेयर की कीमत 1,600 रुपये होगी। नियमों के अनुसार, इस डील के बाद टोरेंट को एक ओपन ऑफर लाना होगा। इसमें कंपनी, पब्लिक शेयरहोल्डर्स से 26% अतिरिक्त शेयर खरीदेगी। इसके लिए 6,842.8 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। ओपन ऑफर में शेयर की कीमत 1,639.18 रुपये प्रति शेयर होगी। JB केमिकल्स के शेयर की कीमत शुक्रवार को BSE में 1,799.35 रुपये थी। ओपन ऑफर की कीमत इससे करीब 9% कम है।
कितने शेयर मिलेंगे
डील होने के बाद JB फार्मा का टोरेंट में मर्जर हो जाएगा। JB फार्मा के हर 100 शेयर के बदले शेयरहोल्डर्स को टोरेंट के 51 शेयर मिलेंगे। इस डील से टोरेंट को JB फार्मा के पुराने ब्रांड मिलेंगे। ये ब्रांड क्रोनिक थेरेपी सेगमेंट में हैं। साथ ही, टोरेंट को ऑप्थल्मोलॉजी जैसे नए क्षेत्रों में एंट्री करने का मौका मिलेगा। इससे टोरेंट को कॉन्ट्रैक्ट डेवलपमेंट एंड मैन्युफैक्चरिंग (CDMO) में भी मदद मिलेगी।
जेबी फार्मा वर्सेज टोरेंट
JB फार्मा की स्थापना 1976 में हुई थी। यह कंपनी गैस्ट्रोएंटरोलॉजी, डर्मेटोलॉजी और डायबिटीज जैसी बीमारियों के लिए दवाएं बनाती है। यह 40 से ज्यादा देशों में दवाएं एक्सपोर्ट करती है, जिसमें अमेरिका भी शामिल है। यह मेडिकेटेड लोजेंज की एक बड़ी CDMO प्लेयर है। इसके भारत में आठ मैन्युफैक्चरिंग यूनिट हैं। टोरेंट फार्मा का सालाना रेवेन्यू 11,500 करोड़ रुपये से ज्यादा है। यह 45,000 करोड़ रुपये के टोरेंट ग्रुप का हिस्सा है। यह भारत में कार्डियोवैस्कुलर, गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल, CNS और कॉस्मो-डर्मेटोलॉजी थेरेपी में टॉप पांच कंपनियों में से एक है। इसकी घरेलू रेवेन्यू का लगभग 76% क्रोनिक और सब-क्रोनिक सेगमेंट से आता है।